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Haryana Weather Forecast: हरियाणा में ठंड के साथ तेज बारिश के लिए लोग हो जाए तैयार, इन जिलों में येलो और ओरेंज अलर्ट हुआ जारी

हरियाणा (Haryana) के विभिन्न जिलों में मौसम एक बार फिर अपनी चाल बदलने जा रहा है। मौसम विभाग (Meteorological Department) ने आगामी 1 और 2 मार्च को कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश (Light to moderate rain) की संभावना जताई है।
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हरियाणा (Haryana) के विभिन्न जिलों में मौसम एक बार फिर अपनी चाल बदलने जा रहा है। मौसम विभाग (Meteorological Department) ने आगामी 1 और 2 मार्च को कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश (Light to moderate rain) की संभावना जताई है। इस बदलाव के मद्देनजर, मौसम विभाग ने कल यानी 1 मार्च को येलो अलर्ट (Yellow alert) और 2 मार्च को ऑरेंज अलर्ट (Orange alert) जारी किया है, जो राज्य के निवासियों के लिए सतर्क रहने का संकेत है।

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तापमान में उतार-चढ़ाव की संभावना

अगले 24 घंटों में राज्य में न्यूनतम तापमान (Minimum temperature) में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट की संभावना है। इसके बाद, तापमान में धीरे-धीरे 3 से 5 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी (Increase) देखी जा सकती है। बारिश के साथ-साथ, 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज रफ्तार से हवाएं (High-speed winds) भी चलने की संभावना है, जो कि ठंडी हवाओं के झोंके ला सकती हैं।

ओलावृष्टि की आशंका

राज्य के कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि (Hailstorm) की भी आशंका जताई गई है, जिससे खेती-किसानी (Agriculture) पर असर पड़ सकता है। किसान भाइयों को अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय (Necessary measures) करने की सलाह दी जा रही है।

मौसम में बदलाव के पीछे के कारण

हरियाणा में मौसम में होने वाले इस बदलाव का मुख्य कारण दो पश्चिमी विक्षोभ (Western disturbances) बताए जा रहे हैं। मौसम विशेषज्ञों (Weather experts) के अनुसार, इससे पहले राज्य में पिछले पश्चिमी विक्षोभ का असर दो दिनों तक देखने को मिला था। दूसरा पश्चिमी विक्षोभ 29 फरवरी को होगा, जिसके चलते 1 से 2 मार्च के दौरान राज्य भर में कुछ स्थानों पर तेज हवाओं और ओलावृष्टि के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।

निवासियों के लिए सावधानियां

राज्य के निवासियों (Residents) को येलो और ऑरेंज अलर्ट के मद्देनजर सतर्क रहने और आवश्यक सुरक्षा उपाय (Safety measures) करने की सलाह दी जा रही है। खासतौर पर उन स्थानों पर जहां ओलावृष्टि की आशंका है, वहां के किसानों को अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए तत्पर रहने की जरूरत है।