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हरियाणा के इन इलाकों में अगले 3 घंटों में भारी बारिश का अलर्ट जारी, जाने मौसम विभाग की ताजा भविष्यवाणी

हरियाणा में मानसून के सक्रिय होने से पानीपत, जींद, फरीदाबाद, गोहाना समेत कई जगहों पर बारिश जारी है. सड़कों पर पानी भर जाने के कारण जलभराव की स्थिति बनी हुई है
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Haryana Weather: हरियाणा में मानसून के सक्रिय होने से पानीपत, जींद, फरीदाबाद, गोहाना समेत कई जगहों पर बारिश जारी है. सड़कों पर पानी भर जाने के कारण जलभराव की स्थिति बनी हुई है, जिससे आवागमन में काफी असुविधा हो रही है. मौसम विभाग ने पंचकूला, अंबाला, करनाल, यमुनानगर समेत 4 जिलों में भारी बारिश (Heavy Rainfall Alert) का अलर्ट जारी किया है.

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मानसून का असर और संभावनाएं

हरियाणा में 2 से 5 सितंबर तक बरसात की संभावना है जिसमें पश्चिम विक्षोभ का भी प्रभाव दिखाई देगा. मानसून के दो महीने बीत चुके हैं और अभी तक प्रदेश में सामान्य से 17% कम बारिश हुई है. इसके विपरीत, अगस्त माह में 21% अधिक बारिश (Rainfall Statistics) दर्ज की गई है, जो कि सितंबर के महीने में भी जारी रह सकती है.

जलभराव और उसके परिणाम

बढ़ती बारिश के कारण कई इलाकों में जलभराव की समस्या उत्पन्न हुई है. इसका असर सड़कों पर यातायात जाम (Traffic Disruption) के रूप में देखने को मिल रहा है, जिससे दैनिक जीवन पर व्यापक प्रभाव पड़ रहा है.

मानसून के आँकड़े और भविष्यवाणी

इस सीजन में हरियाणा में 1 जून से 30 सितंबर तक कुल 440 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन अभी तक केवल 282.9 मिलीमीटर ही बारिश हुई है. सामान्य बारिश 341 मिलीमीटर होती है, जिसका मतलब है कि मानसून के कोटे से अभी 157 मिलीमीटर कम बारिश हुई है.

सामान्य से कम बारिश वाले जिले

12 जिलों में अब तक सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है, जबकि तीन जिलों में सामान्य से ज्यादा बारिश हो चुकी है. मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो सितंबर की बारिश से इस कमी की भरपाई हो सकती है.

कृषि पर बारिश का असर

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, फसलों के लिए इस समय बरसात की बहुत जरूरत है. बरसात के इस दौर से कृषि क्षेत्र को काफी लाभ हो सकता है, खासकर जब फसलें बढ़ने के अहम चरण में होती हैं (Agricultural Benefits).