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यहां शादी के बाद 72 घंटो तक दूल्हा और दुल्हन नही जा सकते टॉयलेट, कारण सुनकर तो आपको भी होगी हैरानी

भारत में विवाह का उत्सव हर धर्म, समुदाय और क्षेत्र में अपने खास तरीके से मनाया जाता है। विवाह से जुड़ी रस्में न केवल दो व्यक्तियों के मिलन की गवाह होती हैं। बल्कि यह उनके सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को भी...
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भारत में विवाह का उत्सव हर धर्म, समुदाय और क्षेत्र में अपने खास तरीके से मनाया जाता है। विवाह से जुड़ी रस्में न केवल दो व्यक्तियों के मिलन की गवाह होती हैं। बल्कि यह उनके सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को भी प्रदर्शित करती हैं। प्रत्येक रस्म अपने में एक खास महत्व रखती है और जीवन के इस नए अध्याय को यादगार बनाती है।

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तीन दिनों तक बाथरूम न जाने की रिवाज

विवाह के अवसर पर विश्व भर में कई अजूबी रस्में हैं जिन्हें सुनने या देखने पर आप हैरान हो सकते हैं। उनमें से एक है, इंडोनेशिया के टिडोंग जनजाति में निभाई जाने वाली रस्म। जहां नवविवाहित जोड़े को शादी के तीन दिन तक न तो बाथरूम जाने की अनुमति होती है और न ही नहाने की। यह परंपरा न केवल उनके लिए एक चुनौती है बल्कि यह उनके धैर्य की भी परीक्षा लेती है।

परंपरा का उद्देश्य और विश्वास

इस अनोखी परंपरा के पीछे का उद्देश्य यह है कि इससे दंपति के बीच संबंध मजबूत होता है और उनके बीच की बाधाएं दूर होती हैं। समुदाय का मानना है कि इस रस्म का पालन करने से विवाहित जीवन में सुख-समृद्धि आती है और नवविवाहित जोड़े को बच्चों का सुख भी प्राप्त होता है।

सेहत पर पड़ने वाले प्रभाव

इस रस्म की वजह से सेहत पर कई तरह के नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। लगातार तीन दिनों तक शारीरिक जरूरतों को रोकना न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी कष्टप्रद हो सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसा करने से कब्ज, अल्सर और अन्य पेट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

सांस्कृतिक विविधता और समझ

इस तरह की अनोखी रस्में हमें यह समझने में मदद करती हैं कि विश्व की संस्कृतियाँ कितनी विविध हैं और हर संस्कृति की अपनी विशेषताएं होती हैं। यह अनुभव हमें दूसरों की परंपराओं के प्रति सम्मान और समझ विकसित करने का अवसर देता है। साथ ही यह दिखाता है कि हम किस तरह से वैश्विक संस्कृतियों के प्रति खुले रह सकते हैं।