यहां शादी के बाद 72 घंटों तक दूल्हा और दुल्हन नहीं जाते टॉयलेट, कारण जानकर तो घूम जाएगा दिमाग
bride and groom will not be able to go toilet: इंडोनेशिया के टीडॉन्ग समुदाय (Tidong community) में एक अनोखी परंपरा है जो शादी के तुरंत बाद निभाई जाती है. यह रस्म न केवल समुदाय के लोगों के बीच प्रचलित है, बल्कि इसकी अपनी विशेष महत्वता भी है. यहां की मान्यता के अनुसार विवाह के पवित्र बंधन (Sacred marriage bond) के तुरंत बाद अगर नवविवाहित जोड़ा टॉयलेट जाता है तो उनकी पवित्रता भंग हो सकती है. इस कारण से यह रस्म उन्हें शादी के पहले तीन दिनों तक टॉयलेट जाने से रोकती है.
रस्म के पीछे की मान्यता
इस विचित्र प्रथा का एक मुख्य कारण यह है कि समुदाय का मानना है कि शारीरिक शुद्धता (Physical purity) को बनाए रखने से विवाहित जीवन सुखमय और खुशहाल रहेगा. इस प्रथा को न मानने वाले जोड़ों को समुदाय में शुभ नहीं माना जाता है और इसे अशुभ संकेत माना जाता है. यह विश्वास कि मल त्याग से नकारात्मक शक्तियों (Negative energies) का असर बढ़ता है इस रस्म को और भी महत्वपूर्ण बनाता है.
नवविवाहित जोड़े की सुरक्षा
इस परंपरा का एक अन्य प्रमुख उद्देश्य नवविवाहित जोड़े को बुरी नजर (Evil eye protection) से बचाना है. समुदाय के लोग मानते हैं कि शारीरिक निर्मलता से उन्हें नकारात्मक और बुरी शक्तियों से सुरक्षा मिलती है. इस रस्म के दौरान नवविवाहित जोड़े को खाना और पानी कम मात्रा में दिया जाता है ताकि उन्हें टॉयलेट कम से कम हो.
रस्म का समाज पर असर
यह रस्म टीडॉन्ग समुदाय के लिए न केवल एक पारंपरिक गतिविधि है बल्कि इसे एक सामाजिक संबंध के रूप में भी देखा जाता है, जो समुदाय के लोगों को एकजुट करता है. इस रस्म को निभाने वाले जोड़े को समुदाय में विशेष सम्मान और आदर मिलता है. इसके अलावा, यह प्रथा युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति और परंपराओं के प्रति गर्व महसूस कराती है.
रस्म की उपयोगिता
आधुनिक समय में इस तरह की रस्में कई बार विवाद का विषय भी बनती हैं. हालांकि, टीडॉन्ग समुदाय इसे अपनी पहचान के रूप में सहेज कर रखता है और इसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने का प्रयास करता है. इस रस्म के जरिए, समुदाय नवविवाहित जोड़े को अपनी शुभकामनाएँ और आशीर्वाद (Community blessings) देता है, जो कि उनके विवाहित जीवन के लिए एक शुभ आरंभ माना जाता है.