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Virasat Express: इस रूट पर आज भी चलती है देश की सबसे पुरानी ट्रेन, 157 साल पहले शुरू किया था सफर

भारतीय रेलवे का एक गौरवशाली इतिहास है और कालका मेल इसकी एक जीवंत मिसाल है। 157 सालों की अपनी यात्रा में यह ट्रेन ना केवल दो प्रमुख शहरों को जोड़ती है बल्कि अनेक कहानियों और यादों को भी समेटे हुए है।
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oldest train in india still running
   

भारतीय रेलवे का एक गौरवशाली इतिहास है और कालका मेल इसकी एक जीवंत मिसाल है। 157 सालों की अपनी यात्रा में यह ट्रेन ना केवल दो प्रमुख शहरों को जोड़ती है बल्कि अनेक कहानियों और यादों को भी समेटे हुए है। हावड़ा से कालका तक का यह सफर ना केवल दूरियों को मिटाता है बल्कि अतीत और वर्तमान को भी एक सूत्र में पिरोता है।

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अंग्रेजों की गर्मियों का साथी

कालका मेल का निर्माण एक खास मकसद से किया गया था। अंग्रेज जिन्होंने कोलकाता को अपनी राजधानी बनाई थी कोलकाता की गर्मी से परेशान थे। इस परेशानी का समाधान ढूँढते हुए उन्होंने शिमला को अपनी ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया और कालका मेल के जरिए एक सहज यात्रा का मार्ग प्रशस्त किया।

बदलते नाम अटूट विरासत

इस ट्रेन की पहचान इसके नाम के बदलाव में भी छिपी है। शुरुआती दौर में इसे ईस्‍ट इंडिया रेलवे मेल के नाम से जाना जाता था जो बाद में बदलकर कालका मेल हुआ। यह नाम परिवर्तन इसकी विरासत और इतिहास की गहराइयों को दर्शाता है।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस का ऐतिहासिक सफर

कालका मेल के साथ नेताजी सुभाष चंद्र बोस का विशेष संबंध है। उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण क्षण इसी ट्रेन से जुड़ा है जब वे अंग्रेजों को चकमा देते हुए धनबाद के गोमो जंक्‍शन से निकले थे। यह घटना ना केवल उनके अद्भुत साहस को दर्शाती है बल्कि कालका मेल के इतिहास को भी और अधिक रोचक बनाती है।

नया नाम सम्मान की नई पराकाष्‍ठा

नेताजी के जीवन और उनकी यादों के सम्मान में 2021 में उनकी 125वीं जयंती पर इस ट्रेन का नाम बदलकर नेताजी एक्सप्रेस रखा गया। यह नाम परिवर्तन ना केवल नेताजी को एक श्रद्धांजलि है बल्कि यह भारतीय रेलवे के इतिहास में एक नया अध्याय भी जोड़ता है।