हिमाचल में प्रीपेड बिजली मीटर लगाने की तैयारी में विभाग, आम जनता को होगा ये बड़ा फायदा Electricity Prepaid Meter
Smart Prepaid Electricity Meters: हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड ने एक महत्वपूर्ण पहल की घोषणा की है जिसके अन्तर्गत राज्य के सभी पुराने बिजली मीटरों को बदलकर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया जाएगा. इस पहल के लिए बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के मॉडल को अपनाने का निर्णय लिया गया है.
बिहार मॉडल की सफलता से प्रेरित हिमाचल की योजना
बिहार में स्मार्ट प्रीपेड मीटरों की सफल स्थापना के बाद हिमाचल प्रदेश ने भी इसी मॉडल को अपनाने का निर्णय लिया है. बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी की ओर से दी गई प्रस्तुति ने हिमाचल प्रदेश के बड़े अधिकारियों को इस दिशा में एक ठोस योजना बनाने के लिए प्रेरित किया.
शिमला और धर्मशाला में पायलट परियोजना
धर्मशाला और शिमला में पहले ही कुछ घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटरों का ट्रायल सफलतापूर्वक किया जा चुका है. इस पायलट परियोजना (pilot project for smart meters) के सफल परिणामों के बाद अब राज्य भर में इसे व्यापक रूप से लागू करने की योजना है.
प्रीपेड और स्मार्ट प्रीपेड मीटरों के बीच का अंतर
प्रीपेड मीटर और स्मार्ट प्रीपेड मीटर में मुख्य अंतर यह है कि स्मार्ट मीटर बिजली कंपनी के सर्वर से जुड़े रहते हैं और समय-समय पर खपत की जानकारी उपलब्ध कराते हैं. यह तकनीक उपभोक्ताओं को उनके खर्च पर अधिक नियंत्रण और पारदर्शिता प्रदान करती है.
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राज्य में लागू होने की संभावनाएँ
हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड का उद्देश्य है कि आगामी वर्षों में पूरे राज्य में लगभग 24 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर (installation of smart meters) स्थापित किए जाएं, जिससे बिजली की खपत और बिलिंग में उच्च स्तर की सटीकता और पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके.
उपभोक्ता और सरकार दोनों के लिए लाभ
स्मार्ट प्रीपेड मीटरों के लागू होने से न केवल उपभोक्ताओं को बल्कि सरकार को भी कई लाभ होंगे. इससे ऊर्जा की खपत में कमी, बिजली चोरी में कमी और बेहतर राजस्व संग्रहण (energy conservation and revenue collection) सुनिश्चित होगा.