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मरने के बाद शरीर का कौनसा अंग कितनी देर तक रहता है जिंदा, एक अंग तो 4 दिनों तक रहता है जिंदा

मौत एक ऐसी सच्चाई है जिसका सामना हर इंसान को करना पड़ता है। मौत के बाद आमतौर पर शरीर को दफनाया जाता है या फिर दाह संस्कार (cremation) किया जाता है।
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मौत एक ऐसी सच्चाई है जिसका सामना हर इंसान को करना पड़ता है। मौत के बाद आमतौर पर शरीर को दफनाया जाता है या फिर दाह संस्कार (cremation) किया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि मौत के बाद भी हमारे शरीर के कुछ अंग जीवित रहते हैं? हां यह सच है। आइए जानते हैं कि मौत के बाद कौन से अंग जिंदा रहते हैं और किस तरह ये दूसरों के जीवन में नए जीवन का  संचार करते हैं।

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जीवन के बाद भी काम करते रहते हैं ये अंग

मौत के बाद शरीर के अधिकांश अंग अपना काम करना बंद कर देते हैं। दिल (heart) के धड़कने की बंद होने के साथ ही दिमाग (brain) तक ऑक्सीजन की सप्लाई भी रुक जाती है, जिससे शरीर के बाकी अंग धीरे-धीरे निष्क्रिय हो जाते हैं।

आंख

अंगदान (organ donation) के मामले में आंखें (eyes) सबसे ज्यादा दान की जाने वाली अंग हैं। मरने के बाद अगले 6 से 8 घंटे के भीतर आंखों को निकालकर आई बैंक (eye bank) में रख दिया जाता है जहाँ से ये जरूरतमंद मरीजों को दान की जाती हैं।

अन्य अंगों का ट्रांसप्लांट

किडनी (kidney), हार्ट, और लीवर (liver) जैसे अंगों का भी ट्रांसप्लांट (transplant) होता है। मौत के बाद इन अंगों की कोशिकाएं (cells) कुछ घंटों तक काम करती रहती हैं, जिससे इन्हें निकालकर दूसरे मरीज को दे दिया जाता है। हार्ट को 4 से 6 घंटे किडनी को 72 घंटे और लीवर को 8 से 12 घंटे तक जिंदा रखा जा सकता है।

सबसे लंबे समय तक जिंदा रहने वाले अंग

शरीर के अंगों में स्किन (skin) और हड्डियां (bones) करीब 5 साल तक जिंदा रखी जा सकती हैं, जबकि हार्ट वाल्व (heart valves) को 10 साल तक। ऑर्गन डोनेशन के लिए काम करने वाली संस्था डोनेट लाइफ (Donate Life) के अनुसार ये जानकारी प्राप्त होती है।