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ट्रेन में लगी हुई पानी की टंकी कितने लीटर की होती है, जाने कितने किलोमीटर के बाद भरी जाती है ये टंकी

भारतीय रेलवे जो कि विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है प्रतिदिन 22,000 से भी अधिक ट्रेनों का संचालन करता है। इस विशाल नेटवर्क के माध्यम से भारतीय रेलवे अपने यात्रियों को अनगिनत सुविधाएँ प्रदान करता है जिससे उनका सफर न सिर्फ सुखद बल्कि सुविधाजनक भी हो।

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भारतीय रेलवे जो कि विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है प्रतिदिन 22,000 से भी अधिक ट्रेनों का संचालन करता है। इस विशाल नेटवर्क के माध्यम से भारतीय रेलवे अपने यात्रियों को अनगिनत सुविधाएँ प्रदान करता है जिससे उनका सफर न सिर्फ सुखद बल्कि सुविधाजनक भी हो।

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यात्री सुविधाओं पर विशेष ध्यान

भारतीय रेलवे द्वारा यात्री सुविधा को प्राथमिकता देते हुए हर ट्रेन के कोच में वॉशरूम की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इससे यात्रियों को अपनी यात्रा के दौरान शौच और स्नान के लिए अन्यत्र जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती।

ट्रेनों में पानी की व्यवस्था

परंतु अक्सर यात्री यह जिज्ञासा रखते हैं कि ट्रेनों में पानी कहां से आता है? इसके लिए भारतीय रेलवे ने कोच के ऊपरी हिस्से में 400 लीटर क्षमता वाली टंकियां लगाई हैं जिससे यात्रा के दौरान पानी की कोई कमी न हो।

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ऑटोमैटिक पानी की सूचना प्रणाली

ट्रेन की प्रत्येक कोच में लगी टंकी में पानी खत्म होने पर एक स्वचालित सेंसर सक्रिय हो जाता है जो लोको पायलट को पानी की कमी की सूचना देता है। इसके बाद अगले स्टेशन पर पहुंचने से पहले पानी खत्म होने की सूचना वहाँ के स्टेशन मास्टर को दी जाती है ताकि ट्रेन के पहुँचते ही पानी दोबारा से भरा जा सके।