बारिश के मौसम में गिरने वाली आसमानी बिजली में कितने वोल्ट का होता है करंट, कई पावर हाउस से भी ज्यादा होती है इसकी पॉवर
आज बिजली हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई है। यदि आपके घरों में बिजली एक या दो घंटे के लिए चली जाए तो आप बेचैन हो जाएंगे। अब इसके बिना जीवन की कल्पना करना व्यर्थ लगता है। बिजली हमें सुबह उठने से शाम को सोने तक चाहिए। आज बिजली सभी उपकरणों को चलाती है।
बिजली सभी को चलाने की जरूरत पड़ती है, चाहे वह मोबाइल फोन हो, बड़े-बड़े कारखाने हो, ऑफिस के कंप्यूटर हो या घर के टीवी हो। शायद आप भी जानते होंगे कि 1800 ई. में एलेस्सांडो वोल्टा (Alessandro Volta) ने बिजली का अविष्कार किया था। लेस्सांडो वोल्टा ने पहली विद्युत सेल बनाई।
आदमी को बना देती है राख
बिजली बनाने के कई तरीके हैं, जैसे हाइडर पावर स्टेशन, थर्मल पावर स्टेशन और टरबाइन। बिजली के फायदे और नुकसान दोनों हैं। बिजली की सीमित मात्रा से अधिक होने पर कोई भी इलेक्ट्रिक सामान फूंक जाता है। वहीं आपने कई बार करंट लगने से मरने वाले लोगों को देखा या सुना होगा।
ये वास्तव में जानलेवा है। बिजली के दो रूप हैं: कृत्रिम बिजली और आसमानी बिजली। कृत्रिम रूप से निर्मित बिजली एक सीमित वोल्ट में बच जाती है, लेकिन आसमानी बिजली किसी व्यक्ति पर गिर जाए तो वह वहीं राख बन जाती है।
इतनी होती है उस बिजली की ताकत
बता दें कि बारिश के मौसम में आसमानी बिजली अक्सर गिरती है। तेज बारिश होने पर बिजली गिर सकती है। ये बिजली इतनी खतरनाक होती है कि कोई भी व्यक्ति इससे बच निकलता है। अगर ये किसी हरे पेड़ पर गिरते हैं, तो उसमें भी आग लग जाती है और जल्दी सूख जाती है।
याद रखें कि कृत्रिम विधि से घरों में आने वाली बिजली 120 वोल्ट की होती है, जबकि आसमान से गिरने वाली बिजली में 10 करोड़ वोल्ट करंट होते हैं. इसलिए ये सबसे खतरनाक हैं। इतना ही नहीं, बिजली की लंबाई चार से पांच किलोमीटर होती है।