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मेट्रो की तरह ट्रेन में कितना शराब लेकर कर सकते है सफर? जाने क्या कहता है रेल्वे का नियम

भारतीय रेलवे (Indian Railways) न केवल देश की लाइफलाइन है बल्कि यह रोजाना 2.50 करोड़ लोगों को उनकी मंजिल तक पहुँचाने का जरिया भी है।
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भारतीय रेलवे (Indian Railways) न केवल देश की लाइफलाइन है बल्कि यह रोजाना 2.50 करोड़ लोगों को उनकी मंजिल तक पहुँचाने का जरिया भी है। ऐसे में रेल यात्रियों (Railway Passengers) के मन में अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या ट्रेन, मेट्रो या हवाई जहाज में शराब (Alcohol) ले जाना गैरकानूनी है?

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राज्यों के अपने नियम

भारतीय संविधान (Indian Constitution) ने प्रत्येक राज्य को यह अधिकार दिया है कि वे शराब को लेकर अपने-अपने नियम बना सकें। इसलिए, ट्रेन में शराब ले जाना पूरी तरह से उस राज्य पर निर्भर करता है जिसमें आप यात्रा कर रहे हैं।

शराबबंदी वाले राज्य

बिहार (Bihar), गुजरात (Gujarat), लक्षद्वीप (Lakshadweep), और नागालैंड (Nagaland) जैसे कुछ राज्यों में शराबबंदी (Alcohol Prohibition) लागू है। इन राज्यों में शराब की बिक्री उत्पादन और सेवन पूर्णतया बंद है।

पाबंदी नहीं वाले राज्यों के नियम

जिन राज्यों में शराब पर पाबंदी नहीं है, वहां यात्री रेलवे अथॉरिटी के नियमों का पालन करते हुए, बंद बोतल (Sealed Bottles) में शराब ले जा सकते हैं। हालांकि, शराब पीते हुए या खुले में शराब ले जाना नियमों के खिलाफ है।

शराब की मात्रा की अनुमति

ट्रेन में शराब ले जाने की अनुमति है, लेकिन इसकी मात्रा (Alcohol Quantity) 2 लीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए। शराब की बोतल पूरी तरह से सीलबंद होनी चाहिए और कवर में पैक होनी चाहिए।

रेलवे एक्ट 1989 के प्रावधान

रेलवे एक्ट 1989 (Railway Act 1989) के तहत, रेलवे परिसर में खुले में शराब पीना या बोतल लेकर चलना गैरकानूनी है। इसके अनुसार, कोई भी व्यक्ति रेल संपत्तियों में शराब या नशीले पदार्थ नहीं ले जा सकता।

छह महीने की सजा और जुर्माना

रेलवे एक्ट की धारा 145 के अनुसार, यदि कोई रेलवे परिसर में शराब या नशीले पदार्थ का सेवन करते पाया जाता है तो उसे छह माह की सजा (Six Months Imprisonment) या 500 रुपये तक का जुर्माना (Fine) हो सकता है।