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भारत में गांव का सबसे गरीब आदमी कितना कमाता है. सर्वे ने खोलकर रख दी पूरी पोल

भारत में लोगों के खर्च करने की आदत (Spending Habits) में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल रहा है। चाहे गांव हो या शहर, उपभोक्ता वस्तुओं (Consumer Goods) पर खर्च में वृद्धि हो रही है।
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भारत में लोगों के खर्च करने की आदत (Spending Habits) में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल रहा है। चाहे गांव हो या शहर, उपभोक्ता वस्तुओं (Consumer Goods) पर खर्च में वृद्धि हो रही है। हालांकि यह भी सामने आया है कि देश के सबसे गरीब वर्ग के लोगों का दैनिक खर्च (Daily Expenses) बहुत कम है जिससे उनकी आर्थिक विषमता (Economic Disparity) की स्थिति का पता चलता है।

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नेशनल सैंपल सर्वे की रिपोर्ट

नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (NSSO) ने हाल ही में जारी अपनी रिपोर्ट में औसत मासिक प्रति व्यक्ति उपभोक्ता खर्च (MPCE) के आंकड़े प्रस्तुत किए हैं। यह रिपोर्ट हाउसहोल्ड कंजप्शन एक्सपेंडिचर सर्वे 2022-23 (HCES) पर आधारित है और इससे ग्रामीण और शहरी इलाकों में आर्थिक स्थिति (Economic Condition) की विस्तृत जानकारी मिलती है।

ग्रामीण और शहरी खर्च

इस सर्वे के अनुसार गांवों में सबसे निचले स्तर पर रहने वाली 5 प्रतिशत आबादी का औसत मासिक प्रति व्यक्ति खर्च महज 1,373 रुपए है, जबकि शहरी आबादी में यह खर्च 2,001 रुपए है। यह आंकड़े आर्थिक विषमता (Economic Disparity) को उजागर करते हैं।

खर्च में बढ़ोतरी का ट्रेंड

देश में उपभोक्ता खर्च (Consumer Spending) में लगातार वृद्धि हो रही है। 2011-12 से लेकर 2022-23 तक पूरे देश के औसत मासिक उपभोक्ता खर्च में काफी इजाफा हुआ है। यह वृद्धि न केवल शहरी इलाकों (Urban Areas) में देखी गई है बल्कि ग्रामीण इलाकों (Rural Areas) में भी इसका साफ असर नजर आया है।

आर्थिक विकास की दिशा

यह आंकड़े न केवल भारत में खर्च करने की आदतों में बदलाव को दर्शाते हैं बल्कि आर्थिक विकास (Economic Growth) की दिशा को भी इंगित करते हैं। उपभोक्ता खर्च में वृद्धि, आर्थिक समृद्धि (Economic Prosperity) का संकेत है, लेकिन साथ ही यह आवश्यक है कि खर्च की इस वृद्धि का लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुँचे।