स्विच बोर्ड में दिनरात जलने वाली लाल लाइट कितनी बिजली खाती है, महीने का खर्चा जानकर तो आपका भी दिन खराब हो जाएगा
आज के समय में जब बिजली की खपत और बिजली बिलों में लगातार वृद्धि हो रही है लोग अक्सर अपने बिजली बिल को कम करने की चिंता में रहते हैं। इसको लेकर वे कई तरह के उपाय अपनाते हैं जैसे कि समय-समय पर पंखा, टीवी आदि का इस्तेमाल करना। हालांकि अक्सर हम कुछ छोटी-छोटी चीजों को नजरअंदाज कर देते हैं जो बिजली बिल में बढ़ोतरी का कारण बनती हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण चीज है घर के स्विच बोर्ड में लगा हुआ इंडिकेटर।
इंडिकेटर का असर और खपत
आपने देखा होगा कि घर की रसोई से लेकर हर कमरे में स्विच बोर्ड्स होते हैं और इनमें एक इंडिकेटर लगा होता है जो पूरे दिन-रात चलता रहता है। ये इंडिकेटर्स जो 24 घंटे जलते हैं भले ही छोटे प्रतीत होते हैं, लेकिन इनकी बिजली खपत भी कम नहीं होती। भारत में सप्लाई का वोल्टेज 230 से 240 वोल्ट होता है और इस वोल्टेज पर एक इंडिकेटर की खपत लगभग 0.3 से 0.5 वाट प्रति घंटा होती है।
इंडिकेटर का काम
इंडिकेटर्स का उपयोग केवल बिजली खर्च करने तक सीमित नहीं है। तेज आंधी या हवा के दौरान अक्सर हमारे घर की लाइट में स्पार्किंग होती है जो अप्लायंसेज के लिए हानिकारक होती है। इस स्थिति में इंडिकेटर वोल्टेज में बदलाव का संकेत देते हैं। यदि इंडिकेटर सही से जलने लगे तो यह संकेत होता है कि अब अप्लायंसेज को चालू किया जा सकता है। इसके अलावा इंडिकेटर यह भी बताते हैं कि कौन से स्विच बोर्ड इन्वर्टर से जुड़े हैं और कौन से नहीं। इससे बिजली जाने पर हमें पता चल जाता है कि कौन से उपकरण अब भी चालू हैं।
बिजली बिल में कमी लाने के सुझाव
बिजली बिल को कम करने के लिए हमें इंडिकेटर के साथ-साथ अन्य छोटे उपकरणों पर भी ध्यान देना चाहिए जैसे कि मोबाइल चार्जर, वाई-फाई राउटर आदि, जो अक्सर प्लग में लगे रहते हैं। इन्हें अनावश्यक रूप से प्लग-इन न रखकर और जब भी संभव हो इन्हें बंद करके हम अपने बिजली बिल में काफी कमी ला सकते हैं। इसके अलावा एनर्जी एफिशिएंट उपकरणों का उपयोग और एलईडी बल्बों की तरफ रुख करना भी बिल कम करने के मुख्य उपायों में से एक है।