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पति की मृत्यु के बाद प्रोपर्टी में पत्नी का कितना होता है अधिकार, जाने क्या कहता है कानून

भारत में हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के तहत प्रॉपर्टी का बंटवारा एक महत्वपूर्ण कानूनी प्रक्रिया है। यह अधिनियम उत्तराधिकारी को प्रॉपर्टी के अधिकार निर्धारित करता है। अधिकांश मामलों में घर का मुखिया प्रॉपर्टी का मुख्य मालिक होता है 
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भारत में हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के तहत प्रॉपर्टी का बंटवारा एक महत्वपूर्ण कानूनी प्रक्रिया है। यह अधिनियम उत्तराधिकारी को प्रॉपर्टी के अधिकार निर्धारित करता है। अधिकांश मामलों में घर का मुखिया प्रॉपर्टी का मुख्य मालिक होता है और उसके बाद वसीयत में निर्धारित उत्तराधिकारी को संपत्ति का अधिकार प्राप्त होता है।

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पति की संपत्ति पर पत्नी का अधिकार

जब किसी पुरुष की मृत्यु होती है, तो उसकी संपत्ति पर पहला अधिकार आमतौर पर उसकी पत्नी का होता है, बशर्ते पति द्वारा संपत्ति की वसीयत में इसका उल्लेख किया गया हो। यह उत्तराधिकार संबंधी नियम पत्नी को पति की संपत्ति पर मालिकाना हक देता है, लेकिन इसमें वसीयत का होना जरूरी है।

सास-ससुर की संपत्ति पर बहू का अधिकार

अगर संपत्ति सास-ससुर के नाम है तो उनके निधन के बाद यह संपत्ति सीधे तौर पर बहू के नाम पर नहीं होगी। सास-ससुर की संपत्ति पर बहू का कोई अधिकार नहीं होता जब तक कि वसीयत में इसका स्पष्ट वर्णन न किया गया हो।

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परिवार की बहुओं को संपत्ति का अधिकार

यदि परिवार में पति और ससुर दोनों की मृत्यु हो जाती है, तो ऐसी स्थिति में संपत्ति का अधिकार परिवार की बहुओं को मिल सकता है। यह अधिकार तभी संभव है जब वसीयत में उनके नाम का उल्लेख हो।