स्कूटर में CNG किट लगवाए तो कितने रूपये का आएगा खर्चा, जाने CNG पर 1KM चलाने का कितना होगा खर्चा
भारत सरकार ने पर्यावरणीय दबावों को देखते हुए पेट्रोल और डीजल वाहनों पर रोक लगाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इस नीति का मुख्य उद्देश्य है पर्यावरण को स्वच्छ बनाना और प्रदूषण के स्तर को कम करना। इसके लिए इलेक्ट्रिक वाहनों और सीएनजी वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे कि वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सके।
इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहनों का बढ़ता चलन
ऑटोमोबाइल सेक्टर में बढ़ती हुई प्रवृत्तियों के बीच इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहनों को खासा बढ़ावा मिल रहा है। इसके पीछे का मुख्य कारण है इनका पर्यावरण के प्रति अनुकूल होना और ईंधन की खपत को कम करना। सीएनजी, जो कि एक स्वच्छ ईंधन माना जाता है इसका उपयोग करने से वाहनों से निकलने वाले हानिकारक उत्सर्जन में कमी आती है और यह पेट्रोल या डीजल की तुलना में काफी सस्ता भी पड़ता है।
सीएनजी वाहनों की विशेषताएँ और लाभ
सीएनजी वाहनों की सबसे बड़ी विशेषता है इनकी लागत-कार्यक्षमता। जहां एक ओर पेट्रोल वाहन ₹2 प्रति किलोमीटर की दर से चलते हैं वहीं सीएनजी वाहन मात्र 0.60 रुपये प्रति किलोमीटर में चलाए जा सकते हैं। इस प्रकार से ये वाहन न केवल पर्यावरण के लिए अच्छे हैं बल्कि जेब पर भी हल्के पड़ते हैं। इसके अलावा सीएनजी वाहनों में मेंटेनेंस की लागत भी कम होती है और ये दीर्घकालिक रूप से अधिक टिकाऊ होते हैं।
भारत में सीएनजी वाहनों का भविष्य
सरकार और वाहन निर्माता कंपनियां भारतीय बाजार में सीएनजी वाहनों को और अधिक प्रोत्साहित करने के लिए नए मॉडल और किट लॉन्च कर रहे हैं। इससे न केवल वाहनों की विविधता में इजाफा होगा बल्कि उपभोक्ता के पास अधिक ऑप्शन मिलेंगे। ऐसे में यह उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले समय में सीएनजी वाहन न केवल अधिक लोकप्रिय होंगे बल्कि इनका उपयोग भी बढ़ेगा।