रेल्वे Group D में कैसे मिलती है नौकरी और क्या होता है काम, जाने कितने रूपये होती है महीने की सैलरी
भारतीय रेलवे जो कि विश्व की सबसे बड़ी रेलवे नेटवर्क में से एक है। भारतीय रेलवे न केवल लाखों यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाती है बल्कि यह देश के युवाओं के लिए एक आकर्षक करियर विकल्प भी प्रदान करती है। हर वर्ष लाखों युवा रेलवे की विभिन्न भर्तियों में अपना आवेदन देते हैं।
जिसमें से ग्रुप डी की वैकेंसी सबसे अधिक लोकप्रिय होती है। रेलवे में नौकरी न केवल आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है बल्कि यह एक सम्मानित पेशा भी है, जो युवाओं को देश की सेवा करने का अवसर देता है।
ग्रुप डी की भर्तियाँ इस दिशा में एक प्रवेश द्वार की तरह काम करती हैं, जो युवाओं को अपने सपनों को साकार करने और एक स्थिर तथा संतोषजनक करियर बनाने का मौका देती हैं। इसलिए रेलवे में नौकरी के प्रति युवाओं की बढ़ती रुचि कोई आश्चर्य की बात नहीं है।
क्या होता है ग्रुप डी
ग्रुप डी के अंतर्गत आने वाले पदों पर काम करना हर भारतीय युवा का सपना होता है। यह विभाग इंजीनियरिंग, मेडिकल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, ट्रैफिक, स्टोर्स और सिग्नल एंड टेलीकम्युनिकेशन जैसे कई क्षेत्रों को कवर करता है।
इन पदों पर काम करने के लिए उम्मीदवारों को विशेष योग्यताएं होनी चाहिए जिसमें उम्र सीमा 18 से 33 वर्ष के बीच होनी चाहिए और उन्हें कम से कम दसवीं कक्षा पास होना चाहिए।
जिम्मेदारियां और कार्य
रेलवे ग्रुप डी के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों को बेसिक लेवल पर काम करने का मौका मिलता है। इसमें पटरियों की देखभाल स्टोर डिपार्टमेंट का प्रबंधन और विभिन्न अन्य डिपार्टमेंट्स में सहयोग प्रदान करना शामिल है। ये कर्मचारी रेलवे के सुचारू संचालन की रीढ़ की हड्डी के समान होते हैं।
सैलरी और भत्ते
शुरुआत में ग्रुप डी के पदों पर काम करने वालों को 18,000 रुपए प्रारंभिक वेतन के रूप में मिलता है, जिसके साथ ही विभिन्न प्रकार के भत्ते भी दिए जाते हैं। अनुभव और कार्यकाल के आधार पर वेतन में वृद्धि होती है और यह 22,500 से लेकर 25,380 रुपए तक हो सकती है।