रेल्वे स्टेशन पर स्टॉल खोलने के लिए क़ैसे मिलती है परमिसन, जाने एक साल का कितना देना पड़ता है किराया
रेलवे न केवल भारत की लाइफलाइन है बल्कि यह अनेकों लोगों के लिए रोजगार का भी एक बड़ा साधन है। रेलवे स्टेशनों पर आपको अनेक प्रकार की दुकानें देखने को मिलती हैं जिनमें खाने-पीने की चीज़ों से लेकर अन्य दैनिक उपयोगी सामग्री तक शामिल होती हैं। इस आर्टिकल में हम बताएंगे कि कैसे आप भी रेलवे स्टेशन पर अपनी दुकान खोल सकते हैं और अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं।
रेलवे स्टेशन पर दुकान खोलने का प्रोसेस
रेलवे स्टेशन पर दुकान खोलने के लिए सबसे पहले आपको भारतीय रेलवे के जारी किए गए टेंडर्स के बारे में पता करना होगा। ये टेंडर्स विभिन्न प्रकार के स्टॉल्स के लिए होते हैं जैसे कि फूड स्टॉल, बुक स्टॉल, और अन्य जरूरी सेवाओं के स्टॉल। आपको इन टेंडर्स के लिए अपनी बोली लगानी होती है जिसके बाद यदि आपकी बोली स्वीकार की जाती है तो आपको दुकान चलाने का लाइसेंस मिल जाता है।
लागत और किराया
दुकान की लागत और किराया विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है जैसे कि दुकान का स्थान इसका आकार और स्टेशन की भीड़-भाड़। आम तौर पर एक छोटे स्टॉल की शुरुआती लागत लगभग 40 हजार रुपये से शुरू होती है, जबकि बड़े स्टॉल या फूड प्लाजा के लिए यह लागत 3 लाख रुपये तक जा सकती है। किराये की दरें स्टेशन की लोकेशन और उसके महत्व पर निर्भर करती हैं।
आईआरसीटीसी की भूमिका
आईआरसीटीसी, जो कि भारतीय रेल की एक सहायक कंपनी है, रेलवे स्टेशनों पर खाने-पीने की सुविधाओं को संचालित करती है। यह संस्था न केवल खाने-पीने के स्टॉल्स का प्रबंधन करती है, बल्कि इसके अंतर्गत ई-कैटरिंग, जनाहार केंद्र, और फूड कोर्ट्स जैसी सेवाएं भी आती हैं। आईआरसीटीसी ही खाने की कीमतें तय करती है और यही संस्था खाने-पीने की गुणवत्ता को भी सुनिश्चित करती है।
आवश्यक दस्तावेज और प्रक्रिया
रेलवे स्टेशन पर दुकान खोलने के लिए आपको कुछ जरूरी दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है जैसे कि आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, वोटर आईडी कार्ड आदि। इन दस्तावेज़ों के साथ आपको रेलवे टेंडर सेक्शन में जाकर उपलब्ध टेंडर्स की जानकारी प्राप्त करनी होती है और उसके अनुसार आवेदन करना होता है।