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पानी में तो बर्फ तैरती रहती है फिर शराब में डालते ही क्यों डूब जाती है, असली जवाब तो हर रोज पीने वाले भी नही जानते

गर्मियों का मौसम अपने साथ ठंडी चीजों की डिमांड लेकर आता है जिसमें बर्फ का उपयोग सबसे अधिक होता है। चाहे पानी हो या शराब, बर्फ के बिना गर्मियों का आनंद अधूरा सा लगता है।
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गर्मियों का मौसम अपने साथ ठंडी चीजों की डिमांड लेकर आता है जिसमें बर्फ का उपयोग सबसे अधिक होता है। चाहे पानी हो या शराब, बर्फ के बिना गर्मियों का आनंद अधूरा सा लगता है। लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि बर्फ पानी में तो तैरती है लेकिन शराब में डूब जाती है? 

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घनत्व का सिद्धांत

बर्फ का पानी में तैरना और शराब में डूबना दोनों ही घटनाएँ घनत्व के सिद्धांत पर आधारित हैं। घनत्व को समझने के लिए हमें यह जानना होगा कि किसी भी वस्तु का घनत्व उसमें मौजूद द्रव्यमान की मात्रा और उसके आयतन के बीच के संबंध से निर्धारित होता है। जब एक वस्तु का घनत्व उस द्रव के घनत्व से कम होता है जिसमें वह रखी जाती है, तो वह वस्तु तैरने लगती है। इसी तरह, अगर वस्तु का घनत्व द्रव से अधिक होता है, तो वह डूब जाती है।

बर्फ, पानी और अल्कोहल के घनत्व की तुलना

बर्फ का घनत्व लगभग 0.917 ग्राम प्रति सेंटीमीटर क्यूब होता है, जबकि पानी का घनत्व 1.0 ग्राम प्रति सेंटीमीटर क्यूब होता है। इसका मतलब है कि बर्फ पानी की तुलना में हल्की होती है, इसलिए यह पानी में तैरती है। वहीं, अल्कोहल का घनत्व 0.789 ग्राम प्रति सेंटीमीटर क्यूब होता है, जो कि बर्फ से कम होता है। इसलिए, बर्फ अल्कोहल में डूब जाती है।

विलयन की प्रक्रिया

जब बर्फ को शराब में डाला जाता है, तो बर्फ पिघलने लगती है और उसके कण शराब में विलीन होने लगते हैं। यह विलयन प्रक्रिया बर्फ के कणों को शराब में डूबने की ओर ले जाती है। इस प्रक्रिया के दौरान, बर्फ का घनत्व और अल्कोहल का घनत्व मिलकर एक ऐसी स्थिति बनाते हैं जहां बर्फ अल्कोहल में डूब जाती है।