आपकी जमीन में खुदाई के दौरान खजाना मिले तो किसका होगा अधिकार, क्या सरकार भी जता सकती है अपना हक
भारत में अक्सर खुदाई के दौरान खजाने मिलने की खबरें सुर्खियों में आती हैं। कई बार ये खजाने खेतों में काम करते समय या निर्माण कार्य के दौरान मिलते हैं। ऐसे में यदि आपको आपकी जमीन में गड़ा कोई खजाना मिले तो उसके साथ क्या किया जाए, इसका जवाब कानूनी प्रक्रियाओं में छिपा हुआ है।
खजाना मिलने पर क्या होगा
अगर किसी को उसकी जमीन के नीचे से खजाना मिलता है तो सबसे पहले उसे इसकी सूचना अपने नजदीकी थाने में देनी चाहिए। यह कानूनन अनिवार्य है क्योंकि यदि सूचना नहीं दी जाती है तो भविष्य में व्यक्ति कई तरह के कानूनी पचड़े में फंस सकता है। इसके बाद प्रशासन खजाने की जांच करता है और उसे अपनी कस्टडी में ले लेता है।
प्रशासनिक कार्रवाई और खजाने का भविष्य
सूचना मिलने के बाद प्रशासन खजाने को सुरक्षित रखता है और उसकी विस्तृत जानकारी संबंधित सरकारी विभागों को भेजता है। आमतौर पर खजाने का अध्ययन और अनुसंधान के लिए इसे आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया जैसी संस्थाओं को सौंप दिया जाता है। इसके बाद सरकार निर्णय लेती है कि खजाने का क्या किया जाएगा।
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जमीन के मालिक के अधिकार और उनका दावा
भारतीय दफीना एक्ट के तहत, जमीन में मिला हुआ खजाना सरकार की संपत्ति माना जाता है। यदि जमीन का मालिक यह सिद्ध कर सके कि यह खजाना उसकी विरासत का हिस्सा है, तो वह कानूनी रूप से अपना दावा पेश कर सकता है।
सरकारी प्रोत्साहन और इनाम
यदि जमीन के मालिक द्वारा सूचना सही तरीके से दी जाती है और सहयोग किया जाता है, तो कई बार सरकार खजाने की कुल कीमत का एक निश्चित हिस्सा इनाम के रूप में दे सकती है। हालांकि यह राशि सरकार के विवेक पर निर्भर करती है और इसे देना अनिवार्य नहीं होता।