घर जमाई तलाश रहे है तो इस जगह बसी हुई है पूरी कॉलोनी, पूरा किस्सा सुनकर तो आ जाएगा मजा
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अनेक अजब-गजब किस्से (Strange Tales) और घटनाएं सुनने को मिलती हैं लेकिन बागपत जिले (Bagpat District) के खेकड़ा कस्बे में स्थित जमाईपुरा कॉलोनी (Jamaipura Colony) की कहानी अपने आप में अनूठी है। यहां की परंपरा और इतिहास (Tradition and History) ने इसे एक अलग पहचान दी है।
घर जमाई की परंपरा और जमाईपुरा का नामकरण
पुराने समय में घर जमाई (House Son-in-Law) बनकर ससुराल में रहने की परंपरा थी, जो आज भी जमाईपुरा में जीवित है। 1987 में, चार परिवार जिन्होंने खेकड़ा कस्बे की लड़कियों से शादी की और यहां बस गए, ने इस कॉलोनी को बसाया। इस अनूठी शुरुआत ने इस कॉलोनी को जमाईपुरा (Jamaipura) नाम दिलाया।
प्रेमपुरी में बदला नाम लेकिन पहचान वही
समय के साथ, खेकड़ा नगर पालिका परिषद (Khekra Municipal Council) ने इस कॉलोनी का नाम प्रेमपुरी (Prempuri) में बदल दिया। वर्तमान सभासद लियाकत अंसारी (Liyaqat Ansari) के अनुसार, इस नाम परिवर्तन के बावजूद लोकप्रियता और पहचान आज भी जमाईपुरा के नाम से ही है। यह कॉलोनी अब लगभग 500 परिवारों (500 Families) का घर है।
सामाजिक संरचना और विवाह की अनूठी परंपरा
जमाईपुरा न केवल अपने नाम के लिए बल्कि अपनी सामाजिक संरचना (Social Structure) और विवाह की अनूठी परंपरा के लिए भी विख्यात है। यहां की परंपरा ने विवाह और परिवार के संबंधों को एक नया आयाम दिया है, जो आज के समय में भी समाज में सकारात्मक प्रभाव (Positive Impact) डालता है।
एक अद्वितीय समुदाय की कहानी
जमाईपुरा, अपनी अद्वितीय परंपरा और समुदाय (Unique Community) के साथ, उत्तर प्रदेश के अजब-गजब और अनोखी जगहों में से एक है। इस कॉलोनी की कहानी न केवल समाज में विवाह और पारिवारिक संबंधों की विविधता को दर्शाती है बल्कि यह भी बताती है कि कैसे परंपराएं और संस्कृतियां (Traditions and Cultures) समय के साथ विकसित होती हैं और समुदाय को एक खास पहचान प्रदान करती हैं।