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पत्नी के नाम प्रॉपर्टी करवाने का सोच रहे है तो इन बातों की बांध ले गाँठ, वरना भारी जुर्माना भरने के लिए रहे तैयार

पत्नी के नाम पर प्रॉपर्टी करने से भरना पड़ सकता है 50 प्रतिशत तक हर्जाना अक्सर देखा गया है कि कुछ लोग अपनी प्रॉपर्टी को टैक्स से बचाने के लिए अपनी बीवी के नाम प्रॉपर्टी कर देते है जिससे सरकार के द्वारा उन्हें tax में कुछ छूट मिल सके।
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property in wife's name
   

पत्नी के नाम पर प्रॉपर्टी करने से भरना पड़ सकता है 50 प्रतिशत तक हर्जाना अक्सर देखा गया है कि कुछ लोग अपनी प्रॉपर्टी को टैक्स से बचाने के लिए अपनी बीवी के नाम प्रॉपर्टी कर देते है जिससे सरकार के द्वारा उन्हें tax में कुछ छूट मिल सके। लेकिन अब ऐसा करना भारी पड़ सकता है। 

प्रॉपर्टी इनकम पर 50 फीसदी टैक्स

इनकम टैक्स अपेलैट ट्राइब्यूनल (ITAT) की दिल्ली बेंच ने अभी हाल में निर्देश दिए है कि अगर प्रॉपर्टी ओनर की पत्नी के नाम पर है तो  प्रॉपर्टी ऑनर को भी को प्रॉपर्टी से होने वाली इनकम पर 50 फीसदी टैक्स चुकाना  होगा। 

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ITAT के द्वारा दिया गया ऑर्डर

ITAT के द्वारा दिया गया ऑर्डर इस निष्कर्ष पर आधारित था कि प्रॉपर्टी की रजिस्टर्ड सेल डीड में co-ओनर्स की अलग हिस्सेदारी का जिक्र नहीं था और यह कि पत्नी ने प्रॉपर्टी को खरीदने में कुछ पैसे का योगदान किया था। इसके अलावा इस दंपती ने यह प्रॉपर्टी खरीदी तो थी लेकिन अपने इनकम टैक्स ऐक्ट के मुताबिक अपने इनकम टैक्स रिटर्न में प्रॉपर्टी से नोशनल रेंटल इनकम के बारे में नहीं बताया था।

स्टैंप ड्यूटी बचाने के लिए महिला के नाम खरीदी जाती है प्रॉपर्टी

भारत के कई मामलों में ऐसा देखा गया है कि कम स्टैंप ड्यूटी का लाभ लेने लिए प्रॉपर्टी परिवार की महिला सदस्य के नाम या उसके साथ ज्वाइंट रूप से खरीदी जाती है।इसलिए अब पिछले कुछ मामलों को देखते हुए ओनरशिप का कितना किसका हिस्सा है।

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ये तय करने के लिए आम तौर पर इनकम के स्रोत (Source) को देखा जाता है। हालांकि, इस मामले में कुछ और तथ्यों की वजह से ITAT की तरफ से फंड्स के स्रोत और पेमेंट किसने किया, इस पर विचार नहीं किया गया। 

आपको किन चीजों का ध्यान रखने की जरूरत है

इसलिए अगर आप अपने परिवार के किसी भी सदस्य के साथ संयुक्त रूप से प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो ये बाते ध्यान रखे। 

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  • रजिस्टर्ड सेल डीड में को-ओनर्स की हिस्सेदारी के बारे में जरूर बताएं
  • सेलर को हर को-ओनर के अपने बैंक अकाउंट से ही अपने हिस्से के पैसे का ट्रांसफर करने दें
  • ओनरशिप के हिस्से के आधार पर इस पर TDS डिडक्ट करें
  • इनकम टैक्स और दूसरे कानूनों के कंप्लायंस को चेक करने के लिए अपने लीगल और टैक्स एडवाइजर से कंसल्ट करें।