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School Holiday: 12 नवंबर को प्रदेश में सभी स्कूल कॉलेज रहेंगे बंद, सरकारी छुट्टी हुई घोषित

त्योहारों के इस खास मौसम में जहां पहले दिवाली के लिए और अब छठ पर्व के लिए छुट्टियां दी जा रही हैं उत्तराखंड में एक और प्रसिद्ध लोकपर्व इगास या बूढ़ी दिवाली के लिए भी छुट्टी की घोषणा की गई है.
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सरकारी छुट्टी हुई घोषित
   

त्योहारों के इस खास मौसम में जहां पहले दिवाली के लिए और अब छठ पर्व के लिए छुट्टियां दी जा रही हैं उत्तराखंड में एक और प्रसिद्ध लोकपर्व इगास या बूढ़ी दिवाली के लिए भी छुट्टी की घोषणा की गई है. यह त्योहार विशेष रूप से उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में मनाया जाता है और इस वर्ष 12 नवंबर को आयोजित किया जाएगा.

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उत्तराखंड का अवकाश कैलेंडर और त्योहारी परंपराएं

उत्तराखंड सरकार ने साल 2024 के लिए कुल 25 सार्वजनिक छुट्टियों के साथ 17 निबंधित छुट्टियां (public and restricted holidays) निर्धारित की हैं. ये छुट्टियां राज्य के स्थानीय त्योहारों और परंपराओं को सम्मानित करने के लिए तैयार की गई हैं, जिसमें इगास भी शामिल है.

इगास की विशेषता और इसका ऐतिहासिक महत्व

इगास उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बेहद लोकप्रिय है और यह दिवाली के 11 दिन बाद मनाया जाता है. मान्यता है कि श्रीराम के अयोध्या वापसी की खबर (historical significance of Igas) यहां देर से पहुंची थी, जिस कारण लोग इसे कार्तिक शुक्ल एकादशी को मनाते हैं.

इगास पर्व की रस्में और मनाने का तरीका

इगास के दिन परंपरागत रूप से भैलो खेलने की रस्म होती है, जिसमें लोग मशाल जलाकर और विशेष नृत्य (traditional dance and rituals) करते हैं. इस दिन घरों में दीये जलाए जाते हैं और विशेष पकवान बनाए जाते हैं, जो कि दिवाली के समान ही उत्साहित करता है.

सांस्कृतिक महत्व और नई पीढ़ी के लिए संदेश

इगास जैसे त्योहार समुदायों में न केवल सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देते हैं बल्कि नई पीढ़ियों को अपनी जड़ों से जोड़े रखने का काम भी करते हैं (cultural significance and generational connection). यह उत्सव हमें यह भी याद दिलाता है कि हमें अपनी परंपराओं को संजो कर रखना चाहिए और उन्हें नई पीढ़ी तक पहुंचाना चाहिए.