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IMD YELLOW ALERT: इन राज्यों में बारिश गेंहू किसानों को बढ़ाएगी परेशानी, मौसम विभाग ने इन जिलों में जारी किया अलर्ट

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा पंजाब और हरियाणा के कई जिलों के लिए जारी किए गए येलो अलर्ट ने इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों खासकर किसानों के बीच चिंता की लहर फैला दी है। 28 से 30 मार्च तक तीन दिनों के...
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Force Gurkha 5-door (1)
   

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा पंजाब और हरियाणा के कई जिलों के लिए जारी किए गए येलो अलर्ट ने इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों खासकर किसानों के बीच चिंता की लहर फैला दी है। 28 से 30 मार्च तक तीन दिनों के लिए जारी इस अलर्ट के मुताबिक इन क्षेत्रों में बारिश के साथ-साथ 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से आंधी चलने बिजली गिरने और तेज हवाओं की आशंका जताई गई है।

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फसलों पर मंडराता खतरा

इस अलर्ट ने किसानों के लिए चिंता का विषय खड़ा कर दिया है, खासकर जब पंजाब में गेहूं की फसल कटाई के अंतिम चरण में है। तूफान और तेज हवाएं गेहूं की फसल के लिए विनाशकारी सिद्ध हो सकती हैं, जो कि आगामी 2-3 सप्ताह में कटाई के लिए तैयार होने की उम्मीद है।

पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव

आईएमडी चंडीगढ़ के अनुसार यह मौसमी बदलाव पश्चिमी विक्षोभ के कारण हो रहा है। पंजाब के लगभग 18 जिलों और हरियाणा के 14 जिलों में इन प्रतिकूल मौसमी स्थितियों का अनुभव होने की संभावना है। किसानों को इस दौरान भारी सिंचाई से बचने की सलाह दी गई है, ताकि अतिरिक्त नमी से फसलों को नुकसान न हो।

खेती-बाड़ी पर असर और किसानों की तैयारी

कई क्षेत्रों में खेतों में खड़ी फसलें कटाई के लिए पूरी तरह तैयार हैं, खासकर गेहूं की फसल जिसमें इस समय अनाज भरने की प्रक्रिया चल रही है। बेमौसम की बारिश और तेज हवाओं से इन फसलों को गंभीर क्षति पहुंच सकती है।

पंजाब के कृषि विभाग ने इस संबंध में विशेष चिंता व्यक्त की है, क्योंकि पंजाब में लगभग 35 लाख हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की खेती की जाती है और इस वर्ष बंपर उत्पादन की उम्मीद की जा रही थी।

किसानों की चिंताएं और उनके उपाय

इस येलो अलर्ट ने किसानों को उनकी फसलों के संरक्षण के लिए सतर्क कर दिया है। कई किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए अस्थायी उपायों की ओर रुख कर रहे हैं, जैसे कि फसलों को ढकना और खेतों में पानी निकासी सुनिश्चित करना। वहीं कुछ किसान समय से पहले कटाई करने की योजना भी बना रहे हैं, ताकि अधिक नुकसान से बचा जा सके।