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भारत में इन लोगों का हेलमेट के लिए पुलिस नही करती चालान, अगर आपने दिखाई लापरवाही तो लगेगा इतना जुर्माना

भारत में यातायात नियमों का पालन बहुत महत्वपूर्ण है। खासकर दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनने का नियम। हेलमेट पहनना सिर्फ कानूनी जरूरत नहीं। बल्कि यह व्यक्ति की सुरक्षा के लिए भी अनिवार्य है।
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भारत में यातायात नियमों का पालन बहुत महत्वपूर्ण है। खासकर दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनने का नियम। हेलमेट पहनना सिर्फ कानूनी जरूरत नहीं। बल्कि यह व्यक्ति की सुरक्षा के लिए भी अनिवार्य है। सड़क दुर्घटनाओं में आई बढ़ोतरी को देखते हुए सरकार ने नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत हेलमेट न पहनने पर भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान किया है।

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इस कानून के अनुसार यदि आप बिना हेलमेट पहने पकड़े जाते हैं। तो आपको ₹5000 तक का चालान भरना पड़ सकता है और आपके ड्राइविंग लाइसेंस को तीन साल के लिए स्थगित भी किया जा सकता है। हेलमेट पहनना केवल कानून का पालन करना नहीं है।

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बल्कि यह व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए भी अनिवार्य है। यह सिर को चोटों से बचाने में सहायक होता है और गंभीर दुर्घटनाओं में जीवन रक्षक सिद्ध हो सकता है। इसलिए हेलमेट पहनने के नियम को सख्ती से पालन करना चाहिए। ताकि दुर्घटनाओं के समय अपनी और अपने सहयोगियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

सिख समुदाय को हेलमेट से छूट

हालांकि भारतीय यातायात नियमों में कुछ विशेष प्रावधान भी हैं। इनमें सिख समुदाय के लोगों को हेलमेट पहनने की अनिवार्यता से छूट दी गई है। सिख धर्म के अनुयायी जो पगड़ी पहनते हैं उन्हें इस नियम से छूट प्राप्त है।

इसका कारण यह है कि पगड़ी सिर की सुरक्षा में हेलमेट की तरह काम करती है और यह सिख धर्म की पहचान भी है। ट्रैफिक पुलिस भी ऐसे लोगों को रोकती नहीं है और न ही उनका चालान काटती है।

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हेलमेट न पहनने पर कब लगता है जुर्माना और कब नहीं?

यदि कोई व्यक्ति मेडिकल कारणों से हेलमेट नहीं पहन सकता है, तो उसे भी इस नियम से छूट प्राप्त होती है। बशर्ते उसे इसका वैध मेडिकल प्रमाण पत्र दिखाना होगा। हालांकि यह छूट बहुत कम लोगों को मिलती है।

क्योंकि यह जोखिम भरा हो सकता है। नए मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार यह नियम न केवल राइडर के लिए। बल्कि उसके पीछे बैठे पैसेंजर के लिए भी लागू होता है।