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भारत में इस जगह साली अपने जीजा को खिलाती है कंकड़ पत्थर से तैयार व्यंजन, इस राज्य में है ये अनोखी रस्म

भारत अपनी विविधतापूर्ण सांस्कृतिक परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है, जहां हर राज्य और समुदाय की अपनी अनोखी रीति-रिवाज होती हैं।
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भारत अपनी विविधतापूर्ण सांस्कृतिक परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है, जहां हर राज्य और समुदाय की अपनी अनोखी रीति-रिवाज होती हैं।
   

भारत अपनी विविधतापूर्ण सांस्कृतिक परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है, जहां हर राज्य और समुदाय की अपनी अनोखी रीति-रिवाज होती हैं। छत्तीसगढ़ में भी कुछ ऐसी ही अनोखी परंपराएं हैं जो इसे भारतीय विवाह संस्कृति का एक दिलचस्प हिस्सा बनाती हैं। आज हम आपको छत्तीसगढ़ की एक विशेष विवाह रस्म के बारे में बताएंगे जिसमें साली अपने जीजा को कंकड़-पत्थर से बने व्यंजन खिलाती है।

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राती भाजी रस्म की खासियत 

इस अनोखी रस्म को 'राती भाजी' कहा जाता है। यह रस्म शादी के दौरान साली द्वारा जीजा का सम्मान करने के लिए की जाती है। इसमें मौज-मस्ती और हंसी-ठिठोली का भरपूर माहौल होता है। साली अपने जीजा को एक खास भोजन की थाली खाने के लिए देती है जिसमें खाने की चीजों के साथ कंकड़ और पत्थर भी शामिल होते हैं। यह रस्म न केवल संबंधों को मजबूत करती है बल्कि यह दिखाती है कि परिवार में हर सदस्य किस तरह से एक-दूसरे के साथ खुशियां बांटता है।

खास पकवान और थाली की परंपरा

इस रस्म में जीजा के स्वागत के लिए थाली में विशेष पकवान रखे जाते हैं। इसमें मिर्च का शरबत और कंकड़ भी परोसे जाते हैं, जिसे जीजा को खाना पड़ता है। यह रस्म जीजा के साहस और समझदारी की परीक्षा भी कही जा सकती है। थाली को साली द्वारा जीजा को देने का प्रतीकात्मक महत्व होता है, जिसे वे बड़े प्यार से सौंपती हैं।

नेग और शगुन की परंपरा

इस रस्म को निभाने के बाद साली यानी दुल्हन की बहन को भी नेग मिलता है। नेग के रूप में साली को जीजा से शगुन मिलता है, जो उनके बीच के स्नेह को दर्शाता है। यह नेग संबंधों को और गहरा करता है और पारिवारिक सद्भाव को बढ़ाता है।