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10 महीनों में ही कई सौ करोड़ की शराब गटक गए लोग, इस राज्य की सरकार ने मिल्क सेस लगाकर कर ली 90 करोड़ से ज्यादा की कमाई

हिमाचल प्रदेश में पिछले दशक में 9 करोड़ अधिक बोतल शराब पी गए हैं। यह जानकारी उद्योगमंत्री हर्षवर्धन चौहान ने विधानसभा सदन में प्रश्नकाल के दौरान दी।
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himachal liquor news
   

हिमाचल प्रदेश में पिछले दशक में 9 करोड़ अधिक बोतल शराब पी गए हैं। यह जानकारी उद्योगमंत्री हर्षवर्धन चौहान ने विधानसभा सदन में प्रश्नकाल के दौरान दी। उन्होने कहा कि पिछले दस महीने में हिमाचल प्रदेश में 9 करोड़ से अधिक शराब की बोतले बिकी गई हैं।

शराब की बोतल पर मिल्क सेस लगाकर सरकार ने 90.77 करोड़ रुपये कमाए हैं। उन्हें बताया गया कि मिल्क सेस प्रति बोतल १० रुपये है। इस वित्त वर्ष के अंत तक 100 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। दूध उत्पादन को बढ़ाने के लिए शराब की कमाई का उपयोग किया जाएगा।

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कांगड़ा में बिकी सबसे ज्यादा शराब

उद्योग मंत्री ने बीजेपी विधायक रणधीर शर्मा और कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिया के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कांगड़ा में 16.52 करोड़, शिमला में 13.79 करोड़ और मंडी में 9 करोड़ की राजस्व मिली है। सरकार ने आबारी अधिनियम के तहत वित्तीय वर्ष 2-23-34 में 2350.81 करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया है।

कहाँ बिकी कितनी बोतलें?

राजस्व विभाग ने 31 जनवरी 2024 तक 2187 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं। कांगड़ा में पिछले दस महीने में 1.65 करोड़ शराब की बोतलें बिकीं, शिमला में 1.37 करोड़, मंडी में 93 लाख, बद्दी में 72 लाख, बिलासपुर में 52 लाख, चंबा में 53 लाख और हमीरपुर में 46 लाख।

"अगले साल सीएम ठेकों की निलामी पर निर्णय लेंगे"

उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बताया कि अगले साल ठेकों की नीलामी पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ही फैसला लेंगे। विधायक केवल सिंह पठानिया के सवाल पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-34 में नई आबाकारी नीति के तहत शराब की खुदरा दुकानों का आवंटन नीलामी एवं टेंडर से किया गया।