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ऋषिकेश समेत कई इलाकों में जमीनी पानी का लेवल बढ़ने से बढ़ी परेशानियां, कई कॉलोनियों में घुसा पानी तो कई जगह बिना नल खोले ही निकलने लगा पानी

इस बार मानसून का मौसम ऋषिकेश और आसपास के लोगों को बहुत मुश्किल बना रहा है। अतिवृष्टि ने नगरों और ग्रामीण क्षेत्रों को बहुत नुकसान पहुँचाया है। बीते तीन दिन से वर्षा नहीं हुई है, लेकिन अभी भी कई गांवों में बाढ़ है।
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इस बार मानसून का मौसम ऋषिकेश और आसपास के लोगों को बहुत मुश्किल बना रहा है। अतिवृष्टि ने नगरों और ग्रामीण क्षेत्रों को बहुत नुकसान पहुँचाया है। बीते तीन दिन से वर्षा नहीं हुई है, लेकिन अभी भी कई गांवों में बाढ़ है।

13-14 और 17 अगस्त को भारी वर्षा हुई

हाल ही में एक नई समस्या पैदा हुई है कि कई जगह घरों, आंगनों और भूखंडों में जलस्रोत फूट गए हैं, जो लगातार पानी उगल रहे हैं। ऋषिकेश, तीर्थनगरी, आठ, नौ, तीन-चार और 17 अगस्त को भारी वर्षा हुई।

मौसम विभाग ने बताया कि क्षेत्र में पिछले 25 वर्षों में ऐसी वर्षा कभी नहीं हुई है। जलभराव का संकट शायद ही कोई शहर बचा होगा।

जलभराव से जनजीवन प्रभावित हो गया

जलभराव की समस्या भी गंगा नगर, प्रगति विहार और देहरादून मार्ग से लगे ऋषिकेश के पाश इलाकों में भी व्याप्त है। जलभराव से शिवाजी नगर, टिहरी बांध से विस्थापित क्षेत्र, आमबाग, गुमानीवाला, मनसा देवी, भल्ला फार्म, खदरी-खड़कमाफ और रायवाला में भी जनजीवन प्रभावित हुआ।

मुनिकीरेती के ढालवाला, शीशमझाड़ी, खारास्रोत, तपोवन आदि क्षेत्र भी जलभराव से पीड़ित रहे। घरों में चार से पांच फीट तक पानी था। ऋषिकेश तहसील के गंगा नगर, श्यामपुर, गुमानीवाला, मनसा देवी, खदरी और रायवाला क्षेत्र में अभी भी कई गाँव जलमग्न हैं।

वास्तव में, इन गांवों में घर के भीतर, आंगन और भूखंड में जलस्रोत फूट गए हैं, जिससे निरंतर पानी बहता है। लोगों ने वाटर पंप लगाकर पानी बाहर फेंकने की कोशिश की, लेकिन फिर भी हालात जस की तस हो जा रही है।

अत्याधिक वर्षा के कारण भूमिगत जलस्तर बढ़ गया है

भूमिगत जलस्तर बढ़ने का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कई जगह सबमर्सिबल पंप और हैंडपंप बिना चलाए ही पानी उगल रहे हैं। सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता अनुभव नौटियाल ने बताया कि अत्याधिक वर्षा के कारण भूमिगत जलस्तर बढ़ गया है।

कुछ जगह तो यह जीरो लेबल पर आ गया है। ऐसे में भूमिगत जल कहीं से भी बाहर निकलने का रास्ता बना देता है। यही वजह है कि ऋषिकेश के कई आबादी वाले क्षेत्र अब वर्षाजल से नहीं, बल्कि भूमिगत जल के स्रोत फूटने से त्रस्त हैं।

ढाई सप्ताह से नहीं उतरा पानी

ऋषिकेश तहसील के श्यामपुर, रायवाला व गुमानीवाला के कई ऐसे आबादी वाले क्षेत्र हैं जहां आठ-नौ अगस्त को हुई अतिवृष्टि के बाद पानी भरना शुरू हो गया था। इस वर्षा के बाद से यहां कई घरों में तीन-तीन फीट तक पानी भर गया था।

13–14 अगस्त और फिर 17 अगस्त को हुई बारिश ने तो स्थिति को और भी खराब कर दिया। हालाँकि, इन घरों में रहने वाले परिवारों को अपने परिचितों और मित्रों के यहां शरण लेनी पड़ी है।