आने वाले टाइम में Toll Plaza को हटाकर GPS बेस्ड सिस्टम से कटेगा टोल, जाने कैसे काम करेगा नया टोल सिस्टम
थोड़े दिनों में आपको फास्टैग की जरूरत नहीं होगी। क्योंकि भारत में नई टोल कलेक्शन टेक्नोलॉजी जल्द ही लागू होगी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस मुद्दे पर कहा कि सरकार का लक्ष्य GPS-based टोल संकलन प्रणाली शुरू करना है। जो वाहनों से टोल टैक्स वसूलने की पुरानी प्रणाली को बदल देगा। देश भर में फास्टैग नामक फिजिकल टोल प्लाजा बेस्ड (RIED) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे ही टोल टैक्स वसूला जाता है।
GPS-बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम
इस मुद्दे पर नितिन गडकरी ने कहा कि अगले वर्ष मार्च से नई GPS-आधारित टोल संकलन प्रणाली लागू हो सकती है। यह टोल प्लाजा पर यातायात की भीड़ को कम करना चाहता है। इसमें सबसे दिलचस्प बात यह है कि फरवरी 2021 में FASTag टोल कलेक्शन सिस्टम शुरू हुआ था। इससे न्यू टोल कलेक्शन सिस्टम को यात्रियों की दूरी पर टैक्स वसूलने में भी मदद मिलेगी।
नितिन गडकरी ने क्या कहा?
नितिन गडकरी ने कहा कि देश में टोल प्लाजा को बदलने के लिए सरकार GPS-बेस्ड टोल सिस्टम सहित नई तकनीक पर बहुत सोच रही है। साथ ही कहा गया है कि अगले वर्ष मार्च तक हम देश भर में नए जीपीएस सैटेलाइट-बेस्ड टोल की आपूर्ति करेंगे।
कैसे करता है GPS-बेस्ड टोल कलेक्शन काम
आपकी सुविधा के लिए बता दें कि नवीनतम GPS-बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम वाहन संख्या प्लेट को स्कैन करेगा और टोल टैक्स वसूलेगा। केंद्र ने पहले ही दो स्थानों पर नए प्रणाली की जांच शुरू कर दी है। वाहन चलते समय कैमरों से ऑटोमेटिक नंबर प्लेट आइडेंटिटी सिस्टम काम करेगा। उन खातों में नंबर प्लेट जोड़े जाएंगे। इसके आधार पर टैक्स कटौती की जाएगी।
GPS-बेस्ड टोल कलेक्शन FASTags से कैसे अलग?
FASTag इस समय भारत के अधिकांश राजमार्गों पर टोल टैक्स वसूलता है। फास्टैग दो टोल प्लाजा के बीच की दूरी के आधार पर टैक्स वसूलता है। वाहनों को सिस्टम को स्कैन करने के लिए अधिक समय तक टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं होती।