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रेगिस्तान वाले इस देश में लोगों दीवारों पर कर रहे है गेंहु और धान की खेती, पैदावार देखकर तो हर कोई हैरान

दुनिया भर में बढ़ती आबादी और घटती खेती की जमीन के कारण खाद्य सुरक्षा हमेशा से एक गंभीर चुनौती रही है। इस समस्या का एक समाधान वर्टिकल फार्मिंग है जिसे कुछ देशों में अपनाया जा रहा है। यह तकनीक न केवल खेती की जमीन की कमी को पूरा करती है बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी कृषि क्रांति ला रही है।

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दुनिया भर में बढ़ती आबादी और घटती खेती की जमीन के कारण खाद्य सुरक्षा हमेशा से एक गंभीर चुनौती रही है। इस समस्या का एक समाधान वर्टिकल फार्मिंग है जिसे कुछ देशों में अपनाया जा रहा है। यह तकनीक न केवल खेती की जमीन की कमी को पूरा करती है बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी कृषि क्रांति ला रही है।

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वर्टिकल फार्मिंग

वर्टिकल फार्मिंग का विचार सबसे पहले इजराइल जैसे देशों में प्रचलित हुआ जहाँ खेती के लिए उपलब्ध भूमि काफी कम है। इस तकनीक में ऊँची-ऊँची इमारतों की दीवारों पर खेती की जाती है जिसे आमतौर पर वर्टिकल फार्मिंग कहा जाता है। यह तकनीक तीन विशेष कृषि तकनीकों—हाइड्रोपोनिक्स, एक्वापोनिक्स, और एरोपोनिक्स का संयोजन है।

तकनीकी विवरण और फायदे

हाइड्रोपोनिक्स में पौधे मिट्टी के बिना, पानी में घुलित पोषक तत्वों के साथ उगाए जाते हैं। एक्वापोनिक्स में, मछलियों और पौधों को एक साथ इकोसिस्टम में उगाया जाता है जहाँ मछलियों के अपशिष्ट से पौधों को पोषण मिलता है। एरोपोनिक्स में पौधों की जड़ों को हवा में लटकाकर और नियमित अंतराल पर पोषक तत्व युक्त कोहरा प्रदान करके उगाया जाता है। ये तीनों तकनीकें मिलकर वर्टिकल फार्मिंग को अत्यंत कुशल और पर्यावरण के अनुकूल बनाती हैं।