इस जगह लड़के के साथ रात बिताने के बाद ही जीवनसाथी चुनती है लड़कियां, पसंद नही आए तो कर देती है रिजेक्ट
भारतीय समाज में जहां एक ओर शादियां बड़ों की मर्ज़ी और रीति-रिवाजों के अनुसार होती हैं। वहीं इस विवाह परंपरा का एक दूसरा पहलू भी है जो युवाओं को अपने जीवनसाथी चुनने की पूर्ण स्वतंत्रता प्रदान करता है। घर के बड़े सदस्यों और रिश्तेदारों की मर्जी के बजाय। यह परंपरा युवाओं को अपने दिल की सुनने का मौका देती है।
आज के दौर में जब जिद्दी बेटियां अपनी पसंद के लड़के के लिए खुद आवाज उठा रही हैं। तब यह परंपरा उन्हें एक नई दिशा दिखाती है। छत्तीसगढ़ की यह अनूठी शादी परंपरा हमें यह दर्शाती है कि कैसे परंपराएं भी समय के साथ अद्वितीय रूप ले सकती हैं और युवा पीढ़ी को उनके जीवनसाथी चुनने की पूर्ण स्वतंत्रता दे सकती हैं।
छत्तीसगढ़ की अद्वितीय शादी परंपरा
छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में एक ऐसी परंपरा है जो लड़कियों को उनके जीवनसाथी चुनने की पूर्ण आज़ादी देती है। यह परंपरा घोटूल के नाम से जानी जाती है। जिसमें मुरिया, माड़िया और गोंड जनजातियों के युवा अपने पसंदीदा साथी को खुद चुन सकते हैं।
इस परंपरा का पालन करने वाले समुदाय बस्तर के जंगली और प्राकृतिक संपदा से भरे परिवेश में रहते हैं, जहां से यह परंपरा सदियों से चली आ रही है।
एक रात की छूट और जीवनसाथी का चुनाव
घोटूल परंपरा के अनुसार युवा लड़के और लड़कियों को एक रात साथ रहने की छूट दी जाती है। जिसमें वे अपनी पसंद का मूल्यांकन कर सकते हैं। यह रात उनके लिए एक दूसरे को समझने और अपने जीवन साथी का चयन करने का महत्वपूर्ण क्षण होता है। इस परंपरा में यदि दोनों एक दूसरे को पसंद कर लेते हैं, तो परिवार उनकी शादी को बड़ी धूमधाम से मनाता है।
परंपरा की उत्पत्ति और सामाजिक स्वीकृति
यह परंपरा कई सदियों पुरानी है और कहा जाता है कि इसकी शुरुआत लिंगो देव द्वारा की गई थी। आदिवासी समाज में इसे पूरी तरह से स्वीकृति प्राप्त है और इसे बिना किसी रोक-टोक के पालन किया जाता है।
इस परंपरा के माध्यम से आदिवासी समुदाय न केवल अपनी संस्कृति को बचा के रखते हैं बल्कि युवा पीढ़ी को अपने जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय खुद लेने की आज़ादी भी देते हैं।