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इस जगह रक्षाबंधन पर भाईयो को मरने का श्राप देती है बहनें, भारत के इस राज्य में है ये अजीबोगरीब रीतिरिवाज

रक्षा बंधन (Raksha Bandhan) भाई-बहन (Brother-Sister) के अटूट प्रेम और वचनबद्धता का पर्व है जहां बहन अपने भाई की कलाई पर राखी (Rakhi) बांधकर उसकी दीर्घायु (Longevity) की कामना करती है।
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रक्षा बंधन (Raksha Bandhan) भाई-बहन (Brother-Sister) के अटूट प्रेम और वचनबद्धता का पर्व है जहां बहन अपने भाई की कलाई पर राखी (Rakhi) बांधकर उसकी दीर्घायु (Longevity) की कामना करती है। इस त्योहार को भारत (India) के विभिन्न क्षेत्रों में विविध तरीकों से मनाया जाता है, जिसमें कुछ जगहों पर इसे अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है।

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छत्तीसगढ़ की अनोखी परंपरा

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में जशपुर (Jashpur) क्षेत्र के एक समुदाय में राखी के त्योहार पर एक अनूठी परंपरा (Unique Tradition) का अनुसरण किया जाता है, जहां बहनें अपने भाइयों को मरने का श्राप (Curse) देती हैं। हालांकि, यह रिवाज (Custom) भाई की रक्षा की भावना से उत्पन्न होता है।

श्राप देने के पीछे की मान्यता

इस अनोखे रिवाज के पीछे की मान्यता (Belief) यह है कि बहनें अपने भाई की रक्षा के लिए यमराज (Yamraj) से उसे बचाने का यह उपाय करती हैं। कहा जाता है कि यह परंपरा एक पौराणिक कथा (Mythological Story) से जुड़ी है, जिसमें यमराज द्वारा एक व्यक्ति को ले जाने की कोशिश की गई थी, लेकिन बहन ने अपने भाई को श्राप देकर उसकी रक्षा की।

प्रायश्चित की प्रक्रिया

श्राप देने के बाद, बहनें अपने कृत्य का प्रायश्चित (Atonement) करती हैं। इसके लिए वे अपनी जीभ पर एक कांटा (Thorn) चुभाती हैं जो इस रिवाज की गंभीरता को दर्शाता है। यह प्रायश्चित कार्य न केवल रक्षा बंधन बल्कि भाई दूज (Bhai Dooj) के अवसर पर भी किया जाता है।

रक्षा बंधन के अलग अलग रूप  

रक्षा बंधन के त्योहार के आसपास कई अन्य कहानियां और मान्यताएं (Beliefs and Stories) भी प्रचलित हैं, जो इस पर्व की विविधता (Diversity) को दर्शाती हैं। ये कहानियां और मान्यताएं न केवल भाई-बहन के रिश्ते की मिठास को बढ़ाती हैं, बल्कि समाज में इन रिश्तों की अहमियत (Importance) को भी उजागर करती हैं।