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इस राज्य में जादू टोना करने वालो पर होगी कार्रवाई, जुर्माने के साथ होगी 7 साल की सजा

गुजरात राज्य सरकार ने 'गुजरात मानव बलि और अन्य अमानवीय, दुष्ट, अघोरी गतिविधि और काला जादू रोकथाम व उन्मूलन विधेयक, 2024' को मॉनसून सत्र के पहले दिन पेश किया.
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gujarat magic prevention bill: गुजरात राज्य सरकार ने 'गुजरात मानव बलि और अन्य अमानवीय, दुष्ट, अघोरी गतिविधि और काला जादू रोकथाम व उन्मूलन विधेयक, 2024' को मॉनसून सत्र के पहले दिन पेश किया. गृह मंत्री हर्ष संघवी ने इस बिल को सदन में रखा जिसे राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी, कांग्रेस ने भी समर्थन दिया. इस विधेयक का उद्देश्य राज्य में फैल रही काले जादू और अघोरी गतिविधियों को एक कड़ा जवाब देना है.

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विधेयक की आवश्यकता क्यों पड़ी

इस विधेयक की प्रेरणा इस महीने के शुरू में गुजरात हाई कोर्ट के समक्ष दी गई एक जनहित याचिका से मिली जिसमें राज्य सरकार से काले जादू और अघोरी गतिविधियों के खिलाफ कठोर कदम उठाने की मांग की गई थी. मंत्री संघवी ने बिल पेश करते समय ऐसी गतिविधियों से जुड़ी कई जघन्य अपराधों का उल्लेख किया, जिनमें मानव बलि और महिलाओं को डायन बता कर उनकी हत्या जैसे वाकये शामिल थे. इस बिल के माध्यम से सरकार इन गंभीर अपराधों के खिलाफ एक मजबूत कानूनी ढांचा स्थापित करना चाहती है.

बिल के मुख्य प्रावधान

इस विधेयक के अनुसार कोई भी व्यक्ति जो मानव बलि देने अमानवीय और अघोरी गतिविधियों को अंजाम देता है या काले जादू का प्रचार करता है उसे गंभीर सजा का सामना करना पड़ सकता है. इसमें 6 महीने से 7 साल तक की कैद और 5 हजार से 50 हजार रुपए तक का जुर्माना शामिल है. ये अपराध गैर-जमानती माने गए हैं और इनकी सुनवाई न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी द्वारा की जाएगी.

बिल का सामाजिक असर

इस बिल के लागू होने से राज्य में अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र के नाम पर होने वाली गतिविधियों पर एक कड़ी निगरानी रखी जा सकेगी. इसके अलावा, राज्य सरकार ने इस तरह के मामलों की जांच के लिए विशेष सतर्कता अधिकारी नियुक्त करने का प्रावधान किया है, जो कि पुलिस इंस्पेक्टर या उससे उच्च रैंक का होगा. यह कदम समाज में व्याप्त अंधविश्वास और ठगी की घटनाओं को कम करने में मददगार साबित होगा.