Indian Railway: ट्रेन में मिलने वाले कम्बल की धुलाई कितने दिनों में होती है? सच्चाई जानकर तो लग सकता है झटका

Indian Railway: जब आप भारतीय रेलवे के AC कोच में सफर करते हैं तो आपको एक कंबल और चादरों का पैकेट दिया जाता है. यह सुविधा यात्रा को आरामदायक बनाने के लिए दी जाती है पर क्या आप जानते हैं कि इन कंबलों की धुलाई कितनी बार की जाती है?
रेलवे की लॉन्ड्री सेवाएँ और धुलाई की जरूरत
भारतीय रेलवे के पास देश भर में 46 डिपार्टमेंटल लॉन्ड्रीज (departmental laundries) हैं. इसके अलावा, 25 लॉन्ड्रीज को BOOT (Build-Own-Operate-Transfer) फॉर्मूले पर भी संचालित किया जा रहा है. इन लॉन्ड्रीज में AC क्लास के कंबलों की धुलाई महीने में एक या दो बार की जाती है जो कि साफ-सफाई (high standards of cleanliness) को दर्शाता है.
कंबल की सफाई
कभी-कभी, अगर कंबल से बदबू आने या भीगे होने की शिकायत मिलती है, तो इन कंबलों को निर्धारित समय से पहले ही धोया जाता है. यह सुनिश्चित करता है कि यात्री अपनी यात्रा के दौरान स्वच्छता और आराम (comfort and hygiene) का अनुभव कर सकें.
रेलवे के नियम और कंबल की गुणवत्ता
भारतीय रेलवे के नियमों के अनुसार यात्रियों को दिए जाने वाले कंबल गुणवत्ता में वजनी (heavy quality) होते हैं. इन्हें सही तापमान में धोया जाता है ताकि इनका रख रखाव सही किया जा सके.
रख-रखाव में चुनौतियां और अवधि
एक रेलवे कर्मचारी के अनुसार कंबलों का रख-रखाव कठिन है और कभी-कभार ये दो महीने तक धुलाई के बिना रह सकते हैं. यह चुनौती लॉन्ड्री की क्षमता (laundry capacity) और कंबलों की संख्या पर भी निर्भर करती है.