Indian Railways: अब पटरी पर दौड़ रही ट्रेन में नही आयेगी पानी की दिक्कत, रेल्वे के इस नए तरीके से होगा समस्या का समाधान
देश में रह रहे ज्यादातर लोग ट्रेन से यात्रा करना पसंद करते हैं, लेकिन यात्रा के दौरान कई बार ट्रेन की बगियां में इस्तेमाल किए जाने वाले नल से पानी का न आना यात्रियों को परेशान कर देता है। ऐसी शिकायत भी देखने को मिलती है, जब कोई यात्री टॉयलेट यूज करने जाता है और उसे पानी की किल्लत से जूझना पड़ता है।
इसके साथ-साथ वॉश बेसिन में भी पानी नहीं आने की समस्याएं बनी रहती है। इन सभी चीजों को देखते हुए रेलवे ने एक सराहनीय कदम उठाया है। दरअसल भारतीय रेलवे ने इस समस्या से उभरने के लिए IoT आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम का सहारा लिया है तो चलिए आज हम इसके बारे में पूरी डिटेल से जानते हैं।
IoT आधारित निगरानी प्रणाली क्या है
IoT का अर्थ है इंटरनेट ऑफ थिंग्स, जब किसी समस्या को हल करने के लिए इंटरनेट का उपयोग किया जाता है तो उसे इंटरनेट ऑफ थिंग्स कहा जाता है। ऐसे में ट्रेन के टैंक में पानी की निगरानी के लिए IoT का इस्तेमाल किया जाना है, जो हर बोगी में किया जाएगा।
भारतीय रेलवे के सीपीआरओ ने इसकी पुष्टि की है। आपको बता दें कि अभी इस तकनीक का परीक्षण किया जा रहा है। अब तक 3 ट्रेनों के 11 कोचों में इसका परीक्षण किया जा चुका है। मिली जानकारी के मुताबिक ये तकनीक अब तक सफल रही है। जल्द ही इसे अन्य ट्रेनों के लिए भी लागू किया जाएगा।
IoT कैसे काम करता है
चलती ट्रेन में जब भी पानी की टंकी में पानी 40 फीसदी से नीचे चला जाएगा तो इसकी जानकारी रेलवे स्टाफ को अपने आप मिल जाएगी, जिसके बाद अगले स्टेशन पर ट्रेन की टंकी में पानी भर दिया जाएगा।
इसी तरह जब एक्सेल बॉक्स का तापमान 65 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है तो यह जानकारी कंट्रोलर तक पहुंच जाती है, जिसके बाद वास्तविक समय में यह समस्या भी हल हो जाती है।