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Indian Railway: रेड और ब्लू ट्रेन में से किसमें मिलती है ज्यादा सुविधाएं, जाने क्या है फर्क

भारतीय रेल का सफर हमारे देश में यात्रा का एक प्रमुख माध्यम है जहां लाखों यात्री प्रतिदिन रेलगाड़ियों के जरिए अपने गंतव्य स्थलों तक पहुंचते हैं.
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Indian Railway: भारतीय रेल का सफर हमारे देश में यात्रा का एक प्रमुख माध्यम है जहां लाखों यात्री प्रतिदिन रेलगाड़ियों के जरिए अपने गंतव्य स्थलों तक पहुंचते हैं. इन यात्राओं के दौरान अक्सर हमें नीले और लाल रंग की रेलगाड़ियां दिखाई देती हैं जिनमें विशेष अंतर होते हैं.

ICF बनाम LHB: क्या है मुख्य अंतर?

रेलवे के नीले कोच, जिन्हें ICF कोच कहा जाता है इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (Integral Coach Factory) द्वारा निर्मित होते हैं जो कि चेन्नई में स्थित है. ये कोच लोहे के बने होते हैं और इनमें एयर ब्रेक सिस्टम लगा होता है. इनकी अधिकतम अनुमेय गति 110 किलोमीटर प्रति घंटा होती है.

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वहीं लाल कोच जिन्हें LHB कोच कहते हैं लिंक हॉफमैन बुश (Linke-Hofmann-Busch) तकनीक पर आधारित होते हैं और ये कपूरथला, पंजाब में निर्मित होते हैं. ये कोच स्टेनलेस स्टील से बने होते हैं और इनमें डिस्क ब्रेक लगे होते हैं जिससे ये अधिक सुरक्षित और स्पीड होती हैं.

तकनीकी विशेषताएं और सुरक्षा पहलू

LHB कोच, ICF कोचों की तुलना में न केवल अधिक आधुनिक होते हैं बल्कि ये दुर्घटना के समय कम खतरनाक साबित होते हैं क्योंकि इनमें उपयोग की गई तकनीक टक्कर के असर को कम करती है. ICF कोच की बफर सिस्टम दुर्घटना के दौरान खतरनाक साबित हो सकती है क्योंकि ये कोच आपस में चढ़ सकते हैं.

परिचालन लागत और रख-रखाव

LHB कोचों की रख-रखाव लागत ICF कोचों की तुलना में कम आती है क्योंकि इन्हें हर 24 महीने में सिर्फ एक बार ओवरहॉलिंग की जरूरत पड़ती है जबकि ICF कोचों को 18 महीने में ओवरहॉलिंग की आवश्यकता होती है.

यात्री आराम और अनुभव

LHB कोचों में यात्रियों को बेहतर सुविधाएं और आराम मिलता है. ये कोच अधिक लंबे, बड़े और बेहतर एयर कंडिशनिंग सिस्टम से लैस होते हैं. इसके अलावा, इन कोचों का शोर कम होता है और ये अधिक स्थिर रहते हैं जिससे यात्रा के दौरान कम झटके महसूस होते हैं.