home page

Indian Railways: TRAIN का किराया इतना सस्ता किस कारण होता है? टिकट पर लिखी होती है असली वजह फिर भी नही जानते लोग

भारत रेलवे देश में सबसे सस्ता और आसान विकल्प है। बस से सफर करने में समय और किराया अधिक होता है
 | 
90-people-dont-know-why-train-fares-are-low-tickets
   

भारत रेलवे देश में सबसे सस्ता और आसान विकल्प है। बस से सफर करने में समय और किराया अधिक होता है, इसलिए ट्रेन के बिना लंबी दूरी की यात्रा की कल्पना तक नहीं की जा सकती। ट्रेन सबसे अच्छा विकल्प है क्योंकि प्लेन में घूमना हर किसी के बस की बात नहीं है। रेलवे का कम किराया इसकी सबसे बड़ी वजह है।

हमारा Whatsapp ग्रूप जॉइन करें Join Now

देश की एक बड़ी आबादी हर दिन ट्रेन से जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रेलवे का किराया बस से कम क्यों है? रेलवे टिकटों पर इतनी बड़ी छूट क्यों? आइये इसकी वजह बताते हैं।

बस से 5 गुना सस्ता ट्रेन का किराया!

सोचिए कि बस से दिल्ली से मुंबई जाना कितना पैसा और समय लगेगा? शायद इन दोनों महानगरों के बीच सीधे कोई बस सेवा नहीं होगी, जो पहली समस्या होगी। इसलिए आपको ब्रेक करना होगा। इसके अलावा, बस से 1400 किलोमीटर का सफर करने के लिए आपको लगभग 3,000 रुपये खर्च करने पड़ेंगे।

लेकिन मेल एक्सप्रेस और सुपर फास्ट ट्रेन के स्लीपर कोच में यह यात्रा सिर्फ 600 रुपये में होगी, जो बस से सीधे पांच गुना अधिक है। वहीं, द्वितीय श्रेणी में स्लीपर क्लास से भी कम किराया मिलता है। अब सवाल उठता है कि रेलवे टिकट इतना सस्ता क्यों है? रेलवे की सब्सिडी, यानी रियायत, इसकी सबसे बड़ी वजह है। भारतीय रेलवे ट्रेन टिकटों पर छूट देता है।

टिकट पर लिखी होती कम किराये की वजह

रेलवे यात्रियों के सफर में लगभग 57% तक सब्सिडी देता है और अधिकांश खर्च खुद उठाता है। यह ऑनलाइन टिकट पर लिखा होता है, लेकिन अधिकांश लोग इस पर ध्यान नहीं देते। रेलवे आपकी यात्रा का लगभग 57% ही वसूलता है, जैसा कि ट्रेन टिकट में बताया गया है। अब आप रेलवे का इतना कम किराया क्यों वसूलता है समझ गए होंगे।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस वर्ष राज्यसभा में बताया कि 2019-20 में भारतीय रेलवे ने यात्री टिकटों पर 59,837 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी, जो प्रत्येक यात्रु के लिए लगभग 53 प्रतिशत की औसत रियायत है।

याद रखें कि यात्री किराया नहीं, बल्कि माल भाड़ा रेलवे की आय का सबसे बड़ा जरिया है। भारतीय रेलवे ने वित्त वर्ष 2022-23 की रिपोर्ट में 49,000 करोड़ रुपये की तुलना में 2.40 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड रेवेन्यू दर्ज किया। रेलवे ने इससे 1.62 लाख करोड़ रुपये की कमाई की।