Indian Railways: रेलवे सफर के दौरान नही बदलेगा ट्रेन ड्राइवर, रेल्वे की भी ले सकता है बड़ा डिसीजन
दक्षिण रेलवे अपनी व्यवस्था में कुछ बदलाव कर रहा है। जिसमें प्रीमियम ट्रेनों से लेकर क्रू तक में ऐतिहासिक बदलाव किया जाएगा। इतना ही नहीं ट्रेन का चालक और सहचालक ट्रेन को शुरू से लेकर अंत तक लेकर जाएगा बीच में किसी को नहीं बदला जाएगा।
लेकिन अभी भी यह सवाल उठता है कि यदि चालक नहीं बदले जाएंगे तो यह थकहार जाएंगे और ऐसे में क्या एक चालक ट्रेन को सही से चल पाएगा लेकिन इसकी व्यवस्था करते हुए कुछ खाने-पीने या टॉयलेट वगैरा की सुविधा दी गई है। अभी इस तरह के सिस्टम को लागू करने की तैयारी चल रही है जिसमें 8 से 10 घंटे के अंदर सफर तय किया जाएगा।
पहले क्या था सिस्टम
रेलवे की पुरानी व्यवस्था को देखा जाए तो निश्चित समय पर ट्रेन चालक को बदल दिया जाता था जिसमें उन्हें आराम करने का समय भी मिलता था। रेलवे सूत्रों के मुताबिक यह बदलाव दूरी के हिसाब से होता है। वर्तमान में 400 से 450 किलोमीटर के बाद लोको पायलट बदल दिया जाता है। लोको पायलट का कहना है कि इससे उस पर मानसिक दबाव बढ़ेगा। एक रिपोर्ट के द्वारा एक लोको पायलट ने बताया है कि आपको बता दे की ऑटोमेटिक सिग्नल पर 1 किलोमीटर पर सिग्नल दिया हुआ होता है।
किस तरह के हुए बदलाव
आपको बता दे की लोको पायलट ने यह कहा है कि काम की शक्ति और दक्षता में बदलाव किया गया है और चालक दल के काम में थोड़ी सी गलती दुर्घटना का कारण बन सकती है। उन्होंने कहा कि काम की गंभीरता को ध्यान में रखे बिना काम करने के पुराने तरीके में बदलाव नहीं किया जाना चाहिए। इतना नहीं नहीं यह भी कहना है कि यदि लंबे समय तक चल जाएगा तो इससे थकान बढ़ जाएगी।