Indian Train Horn: पटरियों पर दौड़ रही ट्रेन में होता है 11 तरह के हॉर्न का इस्तेमाल, हर हॉर्न की आवाज का मतलब होता है अलग
भारत में ट्रेन यात्रा बहुत लोकप्रिय है। नए साल पर घूमने के लिए कई लोगों ने ट्रेन ही चुना है। ट्रेन के हॉर्न को आपने कई बार सुना होगा। लेकिन आपने कभी सोचा है कि ट्रेन के हॉर्न की आवाज भी बदलती रहती है? हाँ, ट्रेनों में कुल ग्यारह प्रकार के हॉर्न होते हैं। विभिन्न आवाजें हर जगह निकलती हैं।
ट्रेन की आवाज पूछने पर अधिकांश लोग छुक-छुक की आवाज निकालते हैं। आपको पता नहीं होगा कि ये भी अलग होते हैं अगर आपने हॉर्न सुना होता। ट्रेन में नौ अलग-अलग हॉर्न हैं, जो अलग-अलग स्थानों पर बजाए जाते हैं। आइये आपको बताते हैं इनके नाम और क्यों बजते हैं।
एक छोटा हॉर्न
इस हॉर्न का अर्थ है कि ट्रेन अब यार्ड में है और उसे साफ करना चाहिए।
दो छोटे हॉर्न
इसका अर्थ यह है कि ट्रेन अब चलने को तैयार है।
3 छोटे हॉर्न
इसका अर्थ है कि ट्रेन के लोकोपायलट ने इंजन को नियंत्रित नहीं किया है, इसलिए गार्ड को ट्रेन को वैक्यूम ब्रेक से रोकना होगा।
4 छोटे हॉर्न
इस हॉर्न का अर्थ है कि ट्रेन में कोई टेक्नीकल खराबी हुई है और अब चल नहीं सकेगी।
6 छोटे हॉर्न
इस तरह का हॉर्न लोकोपायलट बजाता है जब वह किसी खतरे का आभास करता है।
दो छोटे और एक बड़े हॉर्न
इस तरह के हॉर्न बजाने के दो कारण हैं। सबसे पहला जब कोई ट्रेन की चेन पुलिंग करता है या फिर जब गार्ड वैक्यूम प्रेशर ब्रेक लगाता है।
बहुत लंबा हॉर्न
यदि ट्रेन लगातार हॉर्न बजा रही है, तो वह प्लेटफॉर्म पर नहीं रुकेगी।
दो बार रुक-रुक कर बजाए गए हॉर्न
जब ट्रेन रेलवे क्रॉसिंग के नजदीक जाती है तब ट्रेन इस तरह से दो बार रुक-रुकर हॉर्न बजाता है। इसका कारण होता है कि कोई इंसान रेलवे ट्रैक के नजदीक ना आ पाए।
दो छोटे और दो लंबे हॉर्न
ऐसा हॉर्न बजाया जाता है जब ट्रेन अपना ट्रैक बदलती है।