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Indian Wedding: हिंदुओ में रात के टाइम क्यों होती है ज्यादातर शादियां, वजह भी है बेहद खास

हिंदू विवाहों में मुहूर्त (Shubh Muhurat) की विशेष भूमिका होती है.
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Indian Wedding: हिंदू विवाहों में मुहूर्त (Shubh Muhurat) की विशेष भूमिका होती है. यह समय विशेष रूप से पंडित द्वारा कुंडली और पंचांग के आधार पर चुना जाता है, जो कि अक्सर रात्रि के समय होता है. इस समय का चयन इसलिए किया जाता है. क्योंकि माना जाता है कि रात के समय में विवाह करने से विवाहित जीवन सुखमय और स्थायी होता है.

धार्मिक और ज्योतिषीय परिप्रेक्ष्य 

हिंदू धर्म में विवाह को एक धार्मिक संस्कार माना जाता है. जिसमें अग्नि को साक्षी मानकर फेरे लिए जाते हैं. रात का समय इस अनुष्ठान के लिए अधिक उपयुक्त समझा जाता है. क्योंकि इस समय में वातावरण शांत और अधिक संकेतिक होता है. ज्योतिष के अनुसार रात्रि के समय में ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति विवाह के लिए अधिक अनुकूल होती है.

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ध्रुव तारा और चंद्रमा का महत्व 

ध्रुव तारा को स्थिरता का प्रतीक माना जाता है और यह रात्रि के समय में ही दिखाई देता है. ऐसी मान्यता है कि ध्रुव तारे के नीचे लिए गए फेरे वैवाहिक जीवन को स्थिरता प्रदान करते हैं. इसी प्रकार चंद्रमा जो कि मन का कारक होता है. उसकी उपस्थिति से नवदंपत्ति के बीच प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है.

नक्षत्रों का प्रभाव और रात्रि में विवाह की परंपरा 

ज्योतिष के अनुसार कुछ विशेष नक्षत्रों और ग्रहों की स्थिति जो कि अक्सर रात में अधिक शुभ मानी जाती है. विवाह के लिए सबसे अनुकूल समय होते हैं. यही कारण है कि प्राचीन काल से ही रात्रि में विवाह करने की परंपरा रही है. क्योंकि यह समय देवी-देवताओं की उपस्थिति और उनके आशीर्वाद के लिए अधिक उपयुक्त माना जाता है.

विवाह और पौराणिक महत्व 

पौराणिक कथाओं में भी रात के समय में विवाह करने के महत्व का वर्णन मिलता है. इन कथाओं के अनुसार, रात्रि में विवाह करने से न केवल दिव्य शक्तियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. बल्कि यह समय ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी अधिक फलदायी होता है.