इस जगह बन रहा है भारत का दूसरा सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे, इन राज्यों के बीच कनेक्टिविटी हो जाएगी पहले से तेज
भारत अपनी विशाल और गतिशील इंफ्रास्ट्रक्चर योजनाओं के लिए प्रसिद्ध है। इन्हीं योजनाओं का एक हिस्सा है सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे जो देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होने जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 1,271 किलोमीटर है और यह दो प्रमुख शहरों—सूरत और चेन्नई—को जोड़ेगा।
यात्रा का समय होगा आधा
इस नए एक्सप्रेसवे के निर्माण से चेन्नई और सूरत के बीच की यात्रा का समय कम हो जाएगा। वर्तमान में जहां इस दूरी को तय करने में लगभग 35 घंटे लगते हैं वहीं नए एक्सप्रेसवे से यह समय घटकर केवल 18 घंटे रह जाएगा। इससे न केवल यात्रा समय में कमी आएगी बल्कि ईंधन की खपत और वाहनों की लागत में भी बचत होगी।
आर्थिक विकास और औद्योगिक प्रगति
सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे का निर्माण न केवल यात्रा समय को कम करेगा बल्कि इससे आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। यह एक्सप्रेसवे गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, और तमिलनाडु जैसे राज्यों को जोड़ेगा जिससे स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और नए व्यापारी अवसर मिलेंगे।
पर्यावरणीय और सामाजिक असर
इस तरह के बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट से पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभाव भी जुड़े होते हैं। इसके निर्माण से जहां एक ओर पर्यावरणीय चिंताएं उत्पन्न होती हैं वहीं स्थानीय समुदायों के लिए नए रोजगार के अवसर भी खुलेंगे हैं। इस प्रकार परियोजना के प्रबंधन में संतुलन बनाना महत्वपूर्ण होता है ताकि स्थानीय समुदायों और पर्यावरण के हितों का भी ख्याल रखा जा सके।