home page

भारत का अनोखा मंदिर जहां किसी देवी-देवता की नही बल्कि बिल्लियों की होती है पूजा, असली वजह जानकर तो आपको भी नही होगा विश्वास

भारत विविधताओं से भरा हुआ देश है भारत अपनी गहरी धार्मिक आस्थाओं और परंपराओं के लिए विख्यात है। यहां हर जीवन रूप चाहे वह पेड़-पौधे हों, पहाड़ या नदियां सभी कुछ की पूजा की जाती है।
 | 
worship of cats in karnataka
   

भारत विविधताओं से भरा हुआ देश है भारत अपनी गहरी धार्मिक आस्थाओं और परंपराओं के लिए विख्यात है। यहां हर जीवन रूप चाहे वह पेड़-पौधे हों, पहाड़ या नदियां सभी कुछ की पूजा की जाती है। भारत देश में भगवानों के साथ-साथ उनकी वाहनों की भी पूजा एक विशेष रीति-रिवाज के रूप में की जाती है।

हमारा Whatsapp ग्रूप जॉइन करें Join Now

भगवान गणेश का चूहा, माता लक्ष्मी का उल्लू और मां दुर्गा का शेर सभी देवी-देवताओं के वाहनों की पूजा उनके प्रति आस्था का एक प्रतीक है। बेक्कालेले गांव की यह परंपरा न केवल हमें भारत की विविध धार्मिक आस्थाओं और परंपराओं से परिचित कराती है।

बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे आधुनिकता के युग में भी कुछ परंपराएं अपनी जड़ों से जुड़ी हुई हैं। बेक्कालेले की यह अनोखी पूजा परंपरा अपने आप में एक उदाहरण है कि कैसे आस्था और विश्वास समय के साथ भी अविचलित रहते हैं।

बेक्कालेले मे बिल्लियों की अद्भुत पूजा

भारत के कर्नाटक राज्य के मांड्या जिले में स्थित एक छोटे से गांव बेक्कालेले में बिल्लियों की पूजा की जाती है। यह गांव पिछले 1000 साल से बिल्लियों की पूजा कर रहा है। यहां के निवासी बिल्लियों को देवी मंगम्मा का अवतार मानते हैं और पूरी श्रद्धा के साथ उनकी पूजा करते हैं।

बिल्लियों का विशेष सम्मान

बेक्कालेले गांव में बिल्लियों को अत्यधिक सम्मान और आदर दिया जाता है। गांव के लोग बिल्लियों को अपनी कुलदेवी देवी मंगम्मा का रूप मानते हैं। इस गांव में बिल्लियों की किसी भी प्रकार की हानि को बहुत गंभीरता से लिया जाता है और ऐसा करने वाले को गांव से निकाल दिया जाता है।

दियों पुरानी परंपरा

गांववासियों के अनुसार यह परंपरा कई सदियों पुरानी है। कथा के अनुसार जब गांव बुरी ताकतों से ग्रसित था तब देवी मंगम्मा ने बिल्ली का रूप लेकर गांव को उनसे मुक्त कराया। देवी के गायब होने के बाद न्होंने अपने मंदिर की स्थापना की जहां आज भी बिल्लियों की पूजा की जाती है।

आधुनिकता में भी परंपरा की जड़ें

भले ही आज के समय में कई लोग बिल्लियों को अशुभ मानते हों या उनसे जुड़े टोटकों को मात्र अंधविश्वास समझते हों लेकिन बेक्कालेले गांव के लोगों की आस्था इस परंपरा में आज भी अडिग है। इस गांव में बिल्लियों की पूजा की जाती है और उन्हें देवी का अवतार माना जाता है।