गेंहु और धान की जगह किसान करे ये खास खेती, डिमांड ऐसी की होगी बंपर कमाई
Amla cultivation: आधुनिक कृषि प्रणाली में औद्यानिक फसलों की ओर किसानों का रुझान बढ़ रहा है विशेषकर आंवले की खेती में जो कि धान और गेहूं की तुलना में 2 से 3 गुना अधिक लाभ मिलता है. आंवला जिसे भारतीय करौंदा भी कहा जाता है न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है बल्कि इसके उत्पाद भी बाजार में अच्छे दामों पर बिकते हैं.
आंवले की खेती की बारीकियां
आंवले की खेती के लिए किसानों को उद्यान विभाग (horticulture department) से सहयोग मिलता है. इस फसल के लिए सबसे अच्छा समय जुलाई से अक्टूबर होता है. किसानों को जैविक खाद (organic manure) का प्रयोग करने की सलाह दी जाती है तथा एक गोलाकार गड्ढा बनाकर उसमें खाद डालने से पौधे की ग्रोथ बेहतर होती है. पौधों के बीच कम से कम 10 मीटर की दूरी रखने से पौधे स्वस्थ रहते हैं और बीमारियों से मुक्त रहते हैं.
खेती से जुड़ी अन्य जरूरी जानकारियां
खेती के दौरान उचित सिंचाई (proper irrigation) और बरसात के मौसम में पौधे लगाने से पानी की बचत होती है और पौधों की वृद्धि में सहायता मिलती है. आंवले की खेती किसानों के लिए न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद है बल्कि पर्यावरणीय दृष्टि से भी सकारात्मक प्रभाव (positive environmental impact) डालती है.
किसानों की सफलता की कहानियां
अमेठी जिले के मुसाफिरखाना, तिलोई और गौरीगंज तहसील के किसानों ने आंवले की खेती से बंपर मुनाफा (bumper profit) कमाया है. उद्यान विभाग द्वारा प्रदान की गई तकनीकी सहायता और अनुदान से इन किसानों ने न केवल अपनी आय बढ़ाई है बल्कि अन्य किसानों के लिए एक मॉडल (model for other farmers) भी प्रस्तुत किया है.
सरकार की और से किसानों को सुविधाएँ
उद्यान विभाग की ओर से किसानों को आवश्यक तकनीकी मदद और अनुदान प्रदान किया जाता है. इस विभाग की सक्रिय भागीदारी से किसान नवीनतम कृषि तकनीकों (latest agricultural technologies) को अपनाने में सक्षम होते हैं और अपनी फसलों की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार ला सकते हैं.