ऐसी शादीशुदा महिलाओं से दो कदम दूर रहने में है आपकी भलाई, वरना जिंदगीभर होगा पछतावा
चाणक्य एक महान विचारक, शिक्षक और राजनीतिज्ञ थे जिन्होंने अपने जीवन काल में अनेक ग्रंथ लिखे। उनकी नीतियां आज भी व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी कि सदियों पहले थीं। चाणक्य ने स्त्री-पुरुष संबंधों पर भी कई महत्वपूर्ण बातें कही हैं।
आइए उनके अनुसार स्त्रियों में वर्जित माने गए चार प्रमुख लक्षणों के बारे में जानते हैं। चाणक्य नीति हमें सिखाती है कि जीवन में सदाचार और संस्कारों का कितना महत्व है। यह सिर्फ पुरुषों या स्त्रियों के लिए नहीं बल्कि समाज के हर व्यक्ति के लिए प्रासंगिक है।
अच्छे गुणों की पहचान और उन्हें अपनाने से ही हम एक सुखी और संतुष्ट जीवन जी सकते हैं। चाणक्य की इन नीतियों का अनुसरण कर हम अपने जीवन को और भी बेहतर बना सकते हैं।
दुष्ट स्वभाव वाली स्त्री
चाणक्य कहते हैं कि दुष्ट स्वभाव वाली स्त्री से पुरुषों को सदैव दूर रहना चाहिए। ऐसी स्त्रियां अपने स्वार्थ के लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं, जिससे न सिर्फ संबंधों में विषमता आती है बल्कि घर का माहौल भी खराब होता है।
संस्कारहीन स्त्री
संस्कारों का महत्व हमारे समाज में बहुत अधिक है। चाणक्य के अनुसार संस्कारहीन स्त्री से पुरुषों को दूर रहना चाहिए क्योंकि ऐसी स्त्री किसी भी घर को नर्क बना सकती है। संस्कारी स्त्री घर को स्वर्ग बनाती है, वहीं संस्कारहीन स्त्री घर के शांति और सौहार्द को नष्ट कर देती है।
लालची स्त्री
लालच एक ऐसा गुण है जो किसी भी संबंध को खोखला कर सकता है। चाणक्य के अनुसार लालची स्त्री से पुरुषों को दूरी बनानी चाहिए। ऐसी स्त्रियां प्रेम और स्नेह की अपेक्षा भौतिक संपत्ति और विलासिता में अधिक रुचि रखती हैं, जिससे संबंधों का मूल्य घट जाता है।
चरित्रहीन स्त्री
चाणक्य ने चरित्रहीन स्त्रियों से दूर रहने की सलाह दी है। चाणक्य के अनुसार ऐसी स्त्री के साथ जीवन बिताने वाले पुरुष कभी भी समाज में सिर उठाकर नहीं चल पाते हैं। उन्हें समाज में बदनामी और घुटन का सामना करना पड़ता है।
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। CANYON SPECIALITY FOODS इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)