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प्रॉपर्टी खरीदते या बेचते वक्त इन बातों का रख लेना खास ध्यान, वरना हो सकता है लाखों का नुकसान

भारत में प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री एक अनवरत प्रक्रिया है, जिसका चलन कभी कम नहीं होता। लोगों की आवश्यकताओं और इच्छाओं के अनुरूप प्रॉपर्टी का बाजार लगातार उतार-चढ़ाव का सामना कर रहा है।
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भारत में प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री एक अनवरत प्रक्रिया है, जिसका चलन कभी कम नहीं होता। लोगों की आवश्यकताओं और इच्छाओं के अनुरूप प्रॉपर्टी का बाजार लगातार उतार-चढ़ाव का सामना कर रहा है। वर्तमान समय में चाहे मेट्रो शहर हों या छोटे कस्बे प्रॉपर्टी की कीमतें आसमान छू रही हैं।

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प्रॉपर्टी खरीदने और बेचने की प्रक्रिया जटिल हो सकती है, लेकिन उपर्युक्त सुझावों का पालन करके आप इस प्रक्रिया को सरल और सुरक्षित बना सकते हैं। सही जानकारी और सावधानी बरतने से आप प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने के दौरान होने वाले मानसिक और आर्थिक तनाव से बच सकते हैं।

प्रॉपर्टी खरीदने-बेचने के आधुनिक तरीके

आधुनिक युग में लोग पुराने घरों को बेचकर नए, बड़े और सुविधाजनक घरों की ओर रुख कर रहे हैं। हालांकि प्रॉपर्टी खरीदते या बेचते समय अक्सर कुछ समस्याएं उत्पन्न होती हैं, जिससे लोगों को मानसिक और आर्थिक तनाव का सामना करना पड़ता है।

प्रॉपर्टी खरीद-बिक्री की प्रक्रिया

प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री अब एक जटिल प्रक्रिया बन गई है, जिसमें विभिन्न जोखिम शामिल होते हैं। पुराने समय में यह काम जुबानी और भरोसे पर हुआ करता था। लेकिन अब इसे कई कदमों और सावधानियों के साथ संपन्न किया जाता है।

सेलर के लिए सुझाव

सेलर के पास विकल्प होता है कि वह प्रॉपर्टी को स्वयं या किसी एजेंट के माध्यम से बेचे। एजेंट इस प्रक्रिया में मददगार सिद्ध हो सकते हैं। आजकल रियल एस्टेट की वेबसाइट्स ने प्रॉपर्टी बेचने और खरीदने की प्रक्रिया को काफी सरल बना दिया है।

खरीदार के लिए सुझाव

प्रॉपर्टी खरीदते समय खरीदार को सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रॉपर्टी पर किसी भी प्रकार का कर्ज न हो। इसके लिए सबरजिस्ट्रार के ऑफिस से सर्टिफिकेट प्राप्त करना चाहिए।

लेन-देन के लिए आवश्यक कदम

  • प्रॉपर्टी की सही मूल्यांकन करें।
  • खरीदार और विक्रेता के बीच सेल एग्रीमेंट तैयार करें।
  • सेल डीड बनाएं और उसे रजिस्टर करें।
  • प्रॉपर्टी पर किसी भी प्रकार के दावे या अधिकार का निपटान सुनिश्चित करें।