home page

जाने इंसान का शरीर कितने डिग्री तक का तापमान सहन कर सकता है, इतने डिग्री के बाद इंसानी शरीर नही पाता सहन

भारत में गर्मी ने अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है खासकर राजधानी दिल्ली और एनसीआर समेत कई राज्यों में गर्म हवाओं ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। ऐसे में एक महत्वपूर्ण सवाल यह उठता है कि मनुष्य अधिकतम...
 | 
human temperature
   

भारत में गर्मी ने अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है खासकर राजधानी दिल्ली और एनसीआर समेत कई राज्यों में गर्म हवाओं ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। ऐसे में एक महत्वपूर्ण सवाल यह उठता है कि मनुष्य अधिकतम कितनी गर्मी सहन कर सकता है? और किस तापमान पर जीवन को खतरा हो सकता है?

हमारा Whatsapp ग्रूप जॉइन करें Join Now

वैज्ञानिक शोध में खुलासा

हाल ही में हुए वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार यदि एक स्वस्थ व्यक्ति लगातार छह घंटे तक 35 डिग्री सेल्सियस के तापमान में रहे और उस दौरान वातावरण में 100 प्रतिशत आर्द्रता हो तो इस स्थिति में उसकी मृत्यु हो सकती है।

इस तापमान पर शरीर से निकलने वाला पसीना वाष्पित नहीं हो पाता जिससे हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है और धीरे-धीरे शरीर के अंग काम करना बंद कर देते हैं।

ये भी पढ़िए :- इस जगह से कोई भी खोजकर ढूंढ़ सकता है सोना, सरकार की तरफ से मिली है खुली छूट

वेट बल्ब तापमान का महत्व

नासा के जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के वैज्ञानिक कोलिन रेमंड के अनुसार मानव शरीर की सहनशीलता की सीमा काफी संकीर्ण है। वेट बल्ब तापमान यानि वह तापमान जिस पर गर्मी और आर्द्रता के संयोजन से वातावरण असहनीय हो जाता है।

यदि यह 35 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाए तो जीवन के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। दक्षिण एशिया और पारस की खाड़ी में इस तरह के तापमान की घटनाएं बार-बार देखी गई हैं।

Heat-Stroke-1

गर्मी के प्रति सावधानी

यह जानना महत्वपूर्ण है कि सभी मानव शरीर एक समान नहीं होते। सामाजिक और आर्थिक कारणों के आधार पर किसी की सहनशक्ति अधिक या कम हो सकती है। यदि किसी के पास ठंडा रहने की उचित व्यवस्था है तो वह इस तरह की गर्मी से बच सकता है। हालांकि यदि ऐसी गर्मी की स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है तो यह व्यक्ति के लिए घातक हो सकती है।

ये भी पढ़िए :- मोमोज की शॉप पर दुकानदार ने निकाली हेल्पर की नौकरी, सैलरी देखकर तो पढ़े लिखे आदमी भी हो गये तैयार

भविष्य की चुनौतियां और सुरक्षा उपाय

वैश्विक तापमान में वृद्धि के साथ भविष्य में वेट बल्ब तापमान की घटनाएं अधिक बार और अधिक स्थानों पर होने की संभावना है जिससे मानव समुदायों पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। इससे निपटने के लिए उचित तापमान प्रबंधन और आपातकालीन चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता अत्यंत आवश्यक होगी।

इसके अलावा जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक स्तर पर कार्रवाई करने की भी जरूरत है ताकि भविष्य में इस तरह के खतरों को कम किया जा सके।