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सरकारी नौकरी छोड़ इस फसल की खेती कर हो गया मालामाल, आज कमा रहा है लाखों रुपए महीना

भारत एक कृषि प्रधान देश है जहां अधिकांश लोगों का मुख्य आजीविका का स्रोत खेती है। मधुबनी जिले के पंडौल प्रखंड के रामपट्टी गांव में रहने वाले मनीष कुमार महतो उन किसानों में से हैं जिन्होंने खेती को अपना पेशा बनाया है
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भारत एक कृषि प्रधान देश है जहां अधिकांश लोगों का मुख्य आजीविका का स्रोत खेती है। मधुबनी जिले के पंडौल प्रखंड के रामपट्टी गांव में रहने वाले मनीष कुमार महतो उन किसानों में से हैं जिन्होंने खेती को अपना पेशा बनाया है और इसमें सफलता पाई है। मनीष ने बताया कि उन्होंने अपने 2 बीघा जमीन में परवल की खेती करके अच्छी आमदनी की है।

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परवल की खेती

मनीष बताते हैं कि परवल की खेती से उन्हें प्रतिदिन लगभग एक क्विंटल तक का उत्पादन होता है। पिछले 15 साल से यह खेती कर रहे मनीष का कहना है कि खेती में जितनी मेहनत करेंगे, उतना ही लाभ उठा सकते हैं। वह अपने उत्पादित सब्जियों को स्थानीय बाजार में खुद बेचते हैं और अधिक मात्रा होने पर दुकानदारों को भी आपूर्ति करते हैं।

बुआई का सही समय और तकनीक

परवल की खेती के लिए बुआई का सही समय बरसात के महीने में होता है जब जमीन में नमी अधिक होती है। मनीष ने बताया कि बीज से फल आने तक लगभग तीन महीने का समय लगता है। उन्होंने खेती की आधुनिक तकनीकों को अपनाकर अपने उत्पादन को बढ़ाया है और कम लागत में अधिक मुनाफा कमाया है।

खेती से जुड़ी चुनौतियां और समाधान

खेती के क्षेत्र में आने वाली विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए मनीष ने सीखा है कि कैसे प्राकृतिक आपदाओं और कीट-रोगों से निपटना है। उन्होंने अपनी खेती की प्रक्रिया में जैविक खादों का उपयोग बढ़ाया है और रासायनिक खादों व कीटनाशकों का प्रयोग कम किया है। इससे उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और उत्पादन लागत में कमी आई है।