भारत के इन 5 कॉलेज में कम फीस में कर सकते है MBA की डिग्री, लाखों करोड़ों का मिलता है पैकेज
भारतीय शिक्षा प्रणाली में एमबीए प्रोग्राम का बहुत महत्व है। खासकर उन छात्रों के लिए जो व्यवसायिक प्रबंधन क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं। लेकिन अक्सर छात्रों को उच्च शुल्क के कारण कई बार अपनी पसंद का कॉलेज चुनने में समस्या होती है।
यहाँ हम कुछ ऐसे प्रतिष्ठित एमबीए कॉलेजों की चर्चा करेंगे। जो न केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए जाने जाते हैं, बल्कि वे कम फीस में भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करते हैं। नीचे बताएं गए संस्थान न केवल अपनी कम फीस के लिए जाने जाते हैं।
बल्कि उनके शैक्षणिक कार्यक्रम, प्लेसमेंट सुविधाएं और अध्यापन गुणवत्ता भी उच्चतम मानकों पर खरी उतरती है। ये संस्थान उन छात्रों के लिए आदर्श हैं जो गुणवत्ता शिक्षा की तलाश में हैं लेकिन साथ ही आर्थिक रूप से भी संवेदनशील हैं।
फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, दिल्ली विश्वविद्यालय
फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज जिसे FMS भी कहा जाता है। दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत आता है और यह भारत के सबसे पुराने और सम्मानित बिजनेस स्कूलों में से एक है। FMS अपने कम फीस स्ट्रक्चर और उच्च रोजगार दर के लिए प्रसिद्ध है। जिससे यह उन छात्रों के लिए एक आकर्षक विकल्प बन जाता है जो गुणवत्ता शिक्षा की तलाश में हैं।
डिपार्टमेंट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, आईआईटी दिल्ली
आईआईटी दिल्ली का डिपार्टमेंट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज तकनीकी शिक्षा के साथ प्रबंधन शिक्षा का उत्कृष्ट संयोजन प्रदान करता है। यह संस्थान अपने उन्नत पाठ्यक्रम और उद्योग से जुड़ाव के कारण छात्रों के बीच लोकप्रिय है। इसकी फीस अन्य टॉप बी-स्कूलों की तुलना में काफी कम है, जो इसे और भी वांछनीय बनाती है।
जमनालाल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, मुंबई
मुंबई विश्वविद्यालय से संबद्ध JBIMS मुंबई के शीर्ष मैनेजमेंट संस्थानों में से एक है। इसका फीस स्ट्रक्चर मुंबई में मौजूद अन्य प्रतिष्ठित बी-स्कूलों की तुलना में अधिक किफायती है। जिससे यह विद्यार्थियों के लिए एक अच्छा विकल्प बन जाता है।
जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप, बैंगलोर
XIME बैंगलोर एक प्राइवेट मैनेजमेंट संस्थान होने के नाते दो साल के फुल टाइम एमबीए प्रोग्राम के लिए उद्योग-उन्मुख शिक्षा प्रदान करता है। यहाँ की फीस अन्य प्राइवेट बी-स्कूलों की तुलना में कम है। जिससे यह शिक्षा के क्षेत्र में एक बजट-अनुकूल विकल्प बन जाता है।