MNREGA Rules: इस राज्य में मनरेगा के नियमों में सरकार ने किया बड़ा बदलाव, निजी जमीन पर काम करवाने के लिए देना पड़ेगा ये सबूत
महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), जिसे आमतौर पर ग्रामीण भारत में रोजगार को एक महत्वपूर्ण पहल माना जाता है। यह अधिनियम अब निजी जमीन पर भी विकासात्मक कार्यों को अंजाम देने की अनुमति दे रहा है जिससे जमीन मालिकों को उनकी जमीन के संरक्षण और उन्नति में मदद मिल सकेगी। आइए इस आर्टिकल में हम आपको मनरेगा के बारे में बताने जा रहे है।
मनरेगा के तहत निजी जमीन पर कार्यों का विस्तार
मनरेगा ने निजी जमीन पर कार्य करने की अनुमति दी है, जिसमें पौधारोपण, पोखर खोदाई जैसे कई विकासात्मक कार्य शामिल हैं। इसके लिए, जमीन मालिकों को कुछ महत्वपूर्ण दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। पहली और सबसे महत्वपूर्ण शर्त यह है कि जमीन मालिक या उनके परिवार का कोई सदस्य जाबकार्डधारी होना चाहिए। इससे सुनिश्चित होगा कि मनरेगा के तहत निजी जमीन पर किए गए कार्य से स्थानीय समुदाय को भी लाभ मिल सके।
आवश्यक दस्तावेज और प्रक्रिया
निजी जमीन पर कार्य कराने के लिए, जमीन के मालिकाना हक का पूरा ब्योरा प्रस्तुत करना होगा। इसमें जमीन का खाता-खेसरा संख्या, जमीन की चौहद्दी आदि की जानकारी शामिल होनी चाहिए। इसके साथ ही, निजी जमीन पर मनरेगा के तहत कार्य कराने के लिए विभाग में एक आवेदन देना होगा, जिसमें सभी आवश्यक दस्तावेज संलग्न करने होंगे।
कार्यों की निगरानी और पारदर्शिता
मनरेगा द्वारा निजी जमीन पर किए जाने वाले कार्यों की निगरानी और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए, विभाग ने कड़े दिशानिर्देश जारी किए हैं। सभी पंचायतों में निगरानी समिति का गठन किया जाएगा, जो मनरेगा की प्रत्येक योजना पर नज़र रखेगी और गुणवत्ता तथा पारदर्शिता बनाए रखेगी। योजना का काम पूरा होने के बाद, तकनीकी स्वीकृति देने वाले अधिकारी द्वारा प्रमाणपत्र भी जारी किया जाएगा।