मोदी सरकार ने मिडल क्लास परिवारों की कर दी मौज, घर बनाने के लिए दे रही है ढाई लाख रूपए
भारतीय शहरों में आवास की समस्या से निपटने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) को जीवन दिया है. अब इसके नए चरण, पीएमएवाई-यू 2.0 को मंजूरी दी गई है, जो आने वाले पांच वर्षों में शहरी क्षेत्रों में रहने के लिए 1 करोड़ परिवारों को घर मिलेगा. यह योजना विशेष रूप से गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए उनके सपनों का घर देने के उद्देश्य से शुरू की गई है.
प्रधानमंत्री आवास योजना के चार स्तंभ
प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के अंतर्गत सरकार ने चार मुख्य तरीकों से मदद करने की योजना बनाई है:
- लाभार्थी आधारित निर्माण (बीएलसी): इस योजना के तहत नए घरों का निर्माण होगा.
- भागीदारी में किफायती आवास (एएचपी): इसमें सरकार और निजी भागीदारी से घर बनाए जाएंगे.
- किफायती किराये के आवास (एआरएच): इसके तहत किफायती किराये पर घर उपलब्ध कराए जाएंगे.
- ब्याज सब्सिडी योजना (आईएसएस): होम लोन पर सब्सिडी दी जाएगी.
विभिन्न श्रेणियों में सहायता की राशि
सरकार ने विभिन्न श्रेणियों के लिए अलग-अलग सहायता राशि निर्धारित की है:
- उत्तर-पूर्वी क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, और यूटी जम्मू-कश्मीर, पुडुचेरी और दिल्ली के लिए ₹2.25 लाख प्रति आवास.
- अन्य सभी केंद्र शासित प्रदेशों के लिए सरकार 2.50 लाख रुपये प्रति आवास का सहयोग करेगी.
- अन्य राज्यों के लिए केंद्र सरकार 1.50 लाख रुपये और राज्य सरकार 1.00 लाख रुपये प्रति आवास देगी.
प्रभाव और लक्ष्य
प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी का लक्ष्य न केवल घर देना है बल्कि शहरी गरीबों की जीवन शैली में सुधार लाना है. इस योजना के माध्यम से सरकार न केवल छत प्रदान कर रही है बल्कि एक स्थायी, सुरक्षित और आर्थिक रूप से सक्षम समाज की नींव रख रही है.
आवेदन प्रक्रिया
इच्छुक लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के लिए आवेदन करने के लिए संबंधित नगरपालिका या आवास विकास प्राधिकरण के कार्यालय में संपर्क करना होगा. ऑनलाइन पोर्टल पर भी आवेदन किया जा सकता है.