मोदी सरकार ने प्याज को लेकर लिया बड़ा डिसीजन, प्याज की खेती करने वाले किसानों के खिल उठे चेहरे
लोकसभा चुनावों की पृष्ठभूमि में केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र के प्याज उत्पादक किसानों को बड़ी राहत प्रदान की है। सरकार ने बांग्लादेश श्रीलंका भूटान बहरीन मॉरीशस और संयुक्त अरब अमीरात जैसे छह देशों के लिए प्याज के एक लाख टन निर्यात की अनुमति दी है।
इसके अलावा मध्य पूर्व और कुछ यूरोपीय देशों के लिए विशेष रूप से उगाए गए 2000 टन सफेद प्याज के निर्यात की भी अनुमति दी गई है। इस घोषणा से निस्संदेह भाजपा को लोकसभा चुनावों में मदद मिलेगी।
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क्योंकि प्याज के किसानों का एक बड़ा वर्ग इस फैसले से प्रभावित होगा। निर्यात प्रतिबंध हटाने का निर्णय न केवल किसानों को आर्थिक स्थिरता प्रदान करेगा बल्कि साथ ही साथ इसे भाजपा की किसान हितैषी नीतियों के रूप में भी देखा जाएगा।
ई-प्लेटफार्म के माध्यम से निर्यात का आयोजन
नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (एनसीईएल) ने ई-प्लेटफॉर्म के माध्यम से इन देशों के लिए प्याज की खरीद की है। एनसीईएल द्वारा इन देशों की सरकारों द्वारा नामित एजेंसियों को प्याज की आपूर्ति की गई है।
जिसमें 100 प्रतिशत अग्रिम भुगतान की शर्त शामिल है। इस पहल से न केवल भारतीय किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलेगा बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारतीय प्याज की मांग भी बढ़ेगी।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और किसानों की राहत
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस फैसले का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद दिया। फडणवीस के अनुसार विपक्ष ने हमेशा किसानों के मुद्दों को उचित महत्व नहीं दिया।
लेकिन भाजपा सरकार ने इस मुद्दे को प्राथमिकता दी है। केंद्रीय मंत्री और डिंडोरी से भाजपा उम्मीदवार भारती पवार ने भी कहा कि निर्यात प्रतिबंध हटने से प्याज किसानों में खुशी की लहर है और यह उन्हें बड़ी राहत देगा।
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नासिक के प्याज निर्यातकों की प्रतिक्रिया
नासिक से प्याज निर्यातक विकास सिंह ने बताया कि नासिक से हर महीने लगभग 48,000 टन प्याज निर्यात किया जाता है और इस नई नीति से निर्यात में और वृद्धि होने की संभावना है। यह निर्यात की अनुमति न केवल डिंडोरी बल्कि महाराष्ट्र के अन्य प्याज उत्पादक जिलों के लिए भी एक बड़ी राहत है।