भारत के इन राज्यों से मानसून ने ली विदाई, जाने इसबार कौनसे राज्य में कितनी हुई बारिश
मॉनसून देश से चला गया है। 30 सितंबर को मॉनसून सीजन आधिकारिक रूप से समाप्त हो जाएगा। ऐसे में लोगों के मन में यह प्रश्न उठता है कि इस बार का मॉनसून कैसा रहा? मॉनसून के दौरान कितनी बारिश हुई? क्या यह एक आम मॉनसून था? इस बार बारिश कम होने से कुछ क्षेत्र सूखे तो नहीं होंगे।
मौसम विभाग के आंकड़े देखने पर कुछ बातें सामने आती हैं। मौसम विभाग का कहना है कि इस बार बहुत कम बारिश हुई है। 25 सितंबर तक देशभर में मॉनसून सीजन में लगभग 800 मिलीमीटर बारिश हुई है। इस दौरान औसत बारिश 843.2 मिलीमीटर होती है। अब तक मॉनसून में 6% कम बारिश हुई है।
कमी को पूरा करने के लिए कितनी बारिश
25 सितंबर तक, आईएमडी के डेटा के अनुसार देश में 799 मिलीमीटर बारिश हुई। 1961–2010 के औसत से यह लगभग 4 प्रतिशत कम है। एचटी की रिपोर्ट के अनुसार साल 1901 से यह 36वां सबसे कम बारिश का सीजन रहा है। 1961 से 2010 तक, पूरे सीजन में औसत बारिश 853.7 मिलीमीटर हुई है।
इसका अर्थ है कि आखिर के पांच दिनों में देश को प्रति दिन औसत 10.9 मिलीमीटर बारिश की जरूरत है। इस महीने की औसत बारिश 6.7 मिलीमीटर है। ऐसे में नागपुर में बाढ़ की स्थिति को छोड़ दें तो इस कमी को पूरा करना कठिन होगा। मौसम विभाग ने पहले ही घोषणा की है कि 25 सितंबर से दक्षिण-पश्चिम राजस्थान में मॉनसून वापसी शुरू हो गई है।
कुछ महीने बिल्कुल सूखे, कुछ में अधिक बारिश
इस बार मॉनसून में कुछ बिल्कुल अलग बातें हुईं। जैसे, जून का महीना 1901 के बाद से 49वें सबसे सूखे महीने था। इस महीने बारिश 5.5% कम हुई। जुलाई में भी 13.3% अधिक बारिश हुई। अगस्त इस सीजन में सबसे सूखे महीने था। इस महीने बारिश 34.5% कम हुई। वहीं, सितंबर तक बारिश 17 प्रतिशत अधिक हुई है।
भारत का अधिक हिस्सा सामान्य रेंज से बाहर
रिपोर्ट के अनुसार, इस बार बारिश के आंकड़ों से पता चलता है कि देश के 27.6% भाग में 1961 से 2010 के औसत से 20 से 60 प्रतिशत कम बारिश हुई है। केरल, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल देश में सबसे कम बारिश हुई है।
वहीं, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भीषण बाढ़ भी हुई है। इससे देश के 21.7% भाग में सरप्लस बारिश हुई। मौसम विभाग की रिपोर्टों के अनुसार देश के 45% इलाकों में न तो बहुत कम न ही बहुत अधिक बारिश हुई।
मॉनसून की ABCD
मौसम विभाग ने बताया कि मॉनसून सीजन अक्सर चार महीने का होता है। जून में मॉनसून केरल पहुंचता है। इसमें दो से चार दिनों का अंतर हो सकता है। इसके बाद यह पंजाब, हरियाणा और आखिर में राजस्थान की ओर बढ़ता है। सितंबर से मॉनसून वापस आने लगता है।
दक्षिण-पश्चिम राजस्थान से मॉनसून की वापसी शुरू होती है। इसके बाद यह दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और जम्मू कश्मीर से होकर पूरे देश से निकलता है। मौसम विभाग ने बताया कि मौसम विदाई अक्सर 15 अक्टूबर तक चलती है।